उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा के कार्य अब और तेज गति से हो सकेंगे। इसके लिए अब लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के बजट में से एक प्रतिशत राशि सड़क सुरक्षा के कार्यों पर खर्च होगी। इस विषय में सहमति बन गई है। अब वर्ष 2021-22 के बजट में इसका प्रविधान करने की तैयारी है।
प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों पर लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत ब्लैक स्पॉट का चिहनीकरण, इन्हें दुरुस्त करना, क्रैश बैरियर लगाने, सड़कों का रोड सेफ्टी आडिट कराने आदि के कार्य किए जाते हैं। सड़क सुरक्षा कार्यों के लिए परिवहन विभाग को सड़क सुरक्षा कोष से धनराशि मिलती है। इसकी व्यवस्था प्रतिवर्ष बजट में की जाती है। इस वित्तीय वर्ष में सड़क सुरक्षा के लिए 21 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसमें से परिवहन विभाग को 3.50 करोड़, पुलिस को छह करोड़, लोक निर्माण विभाग को छह करोड़ और चिकित्सा विभाग को 1.50 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है।
सड़क सुरक्षा के लिए पुलिस ने हाई वे पेट्रोलिंग कार, 50 सिटी पेट्रोलिंग बुलेट, आठ इंटरसेप्टर वाहन खरीदने हैं। वहीं परिवहन विभाग चार नए इंटरसेप्टर व राडार गन खरीदने की तैयारी कर रहा है। लोनिवि इससे सड़कों का रखरखाव कर रहा है। लोनिवि ने सड़क सुरक्षा कोष से प्रतिवर्ष तकरीबन आठ करोड़ रुपये की मांग की है, ताकि क्रैश बैरियर का निर्माण, चौराहों का चौड़ीकरण, ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त करने आदि का काम किया जा सके।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर गठित निगरानी समिति के सामने भी सड़कों के रखरखाव का का मामला आया। इसमें बजट की कमी को लेकर यह सुझाव दिया गया कि लोक निर्माण विभाग के बजट में इसका भी प्रविधान किया जाए। इस दौरान मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने विभागीय बजट में सड़क सुरक्षा के लिए एक प्रतिशत की व्यवस्था करने की बात कही। माना जा रहा है कि इससे प्रतिवर्ष आठ से दस करोड़ रुपये की व्यवस्था इस मद में हो सकेगी।