लाइफ इंश्योरेंस,म्यूचुअल फंड के नियमो में आया बड़ा बदलाव जाने क्या होगा आपकी जेब पर असर ?
2020 में कई मुश्किलें और बेहद बुरे दौर को झेलने के बाद दुनिया नए साल में कदम रख चुकी है. महामारी ने लोगों की जिंदगी में बड़े बदलावों के साथ ही जिंदगी जीने का तरीका भी बदलकर रख दिया है.
वहीं इस पूरे माहौल के बीच कई और अहम बदलाव भी नए साल में देखने को मिलेंगे. नए साल से कई नए नियम लागू हुए हैं और कई नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है. आपको बताते हैं ऐसे ही नियमों के बारे में जो 2021 में बदल चुके हैं और 1 जनवरी से देश में प्रभावी हो चुके हैं.
कोरोना महामारी के बीच कैशलेस पेमेंट पर खासा जोर दिया गया. देश में इसे बढ़ावा देने के लिए बाकायदा अभियान चलाए गए. कार्ड पेमेंट को भी इसी का हिस्सा माना जाता है. ऐसे में अब कार्ड के जरिए ज्यादा से ज्यादा राशि का भुगतान हो सके इसके लिए सीमा में बढ़ोतरी की गई है. अब ट्रांजेक्शन की लिमिट को बढ़ाकर 5 हजार रुपये प्रति ट्रांजेक्शन कर दिया गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने चेक पेमेंट पर पॉजिटिव पे सिस्टम लागू किया है. नए नियम के मुताबिक 50 हजार रुपये से ज्यादा की राशि की डिटेल को दोबारा कंफर्म किया जाएगा. मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में इस नियम को लेकर घोषणा हुई थी. ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर इस कदम को जरूरी बताते हुए इसे लागू किया गया है. इस सुविधा से चेक के जरिए होने वाली ठगी के मामलों पर लगाम कसी जा सकेगी.
नए साल में वाहन खरीदने की तैयारी कर रहे लोगों के लिए ये बदलाव थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है. दरअसल, देश की सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने नए साल में कीमतों को बढ़ाने का फैसला किया है. देश की लगभग सभी नामी कंपनियों ने 1 जनवरी से कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है. 1 जनवरी से पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों की कीमतें बढ़ गई हैं.
देश में 1 जनवरी से ही जीएसटी कानून के तहत एक और अहम बदलाव हुआ है. 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नओवर रखने वाली कंपनियों को बिजनेस टू बिजनेस ट्रांजैक्शन के लिए ई-इनवॉइस जरूरी कर दिया गया है. ये नया सिस्टम फिलहाल चल रहे इनवॉइस प्रणाली की जगह लागू किया गया है. इसके बाद ई-वे बिल का सिस्टम खत्म कर दिया जाएगा.
नए साल में म्यूचुअल फंड निवेश के नियमों को लेकर भी अहम बदलाव किए गए हैं. निवेशकों के हितों को देखते हुए सेबी ने म्यूचुअल फंड को लेकर नए नियम लागू किए हैं. अब फंड का 75 फीसदी हिस्सा इक्विटी में निवेश करना जरूरी होगा. ये सीमा अभी तक 65 फीसदी थी.
लैंडलाइन फोन से मोबाइल फोन पर कॉल कनेक्ट करने के लिए भी व्यवस्था में बदलाव हुआ है. 15 जनवरी से मोबाइल पर कॉल मिलाने के लिए नंबर से पहले जीरो लगाना होगा. इस व्यवस्था का फायदा से होगा कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ज्यादा नंबर तैयार कर सकेंगी.
नए साल में जीवन बीमा लेने की योजना बना रहे लोगों को राहत मिलेगी. जनवरी से टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना काफी आसान कर दिया गया है. IRDAI ने सभी बीमा कंपनियों से सरल जीवन बीमा की शुरुआत करने के निर्देश दिए हैं. सरल जीवन बीमा स्टैंडर्ड टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी होगी, जो ग्राहकों को बीमा खरीदने में जानकारियों के आधार पर फैसला करने में मदद देगी.
जीएसटी सिस्टम को लेकर छोटे करदाताओं के तिमाही रिटर्न दाखिल करने पर भी नई योजना की शुरुआत की गई है. अब टैक्स के मंथली पेमेंट की योजना शुरू की गई है. ऐसे टैक्स पेयर्स जिनका पिछले फाइनेंशियल ईयर में पांच करोड़ रुपये तक का टर्नओवर रहा है
वो और जो अक्टूबर में जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल कर चुके हैं. वो सभी इस सिस्टम के तहत फायदा ले सकेंगे. 1 जनवरी से अपना रिटर्न तिमाही आधार पर दखिल करने और करों का भुगतान मासिक आधार पर करने की इजाजत मिलेगी.
नए साल में अब थर्ड पार्टी एप से भुगतान करना महंगा हो जाएगा. UPI पेमेंट के लिए ग्राहकों को अब अतिरिक्त शुल्क देना होगा. NPCI ने थर्ड पार्टी एप्लीकेशन पर 30% कैप लगाया है.