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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के मरीजों की संख्या में आई कटौती

कोविड के नए स्ट्रेन की खबरों के बीच एक राहत भरी खबर यह है कि दिल्ली में कोविड के मामलों में कमी आई है. COVID-19 के मामलों की घटती संख्या को देखते हुए

दिल्ली सरकार ने 108 निजी अस्पतालों में COVID-19 रोगियों के लिए रिजर्व्ड बिस्तरों में कटौती की है. कोविड संक्रमण के मामले जब चरम पर थे तब दिल्ली के अस्पतालों में रिजर्व्ड बेडों की संख्या 4,696 थी, जिसे घटाकर अब दिल्ली सरकार ने 2,140 कर दिया है.

सरकार ने लोक नायक अस्पताल में रिजर्व्ड बेडों की संख्या 1000 कर दी है जो पहले 2010 थी. गुरु तेग बहादुर अस्पताल में पहले 1500 बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित किए गए थे जिन्हें घटाकर अब 500 कर दिया गया है.

राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 650 बेड की जगह पर अब 500 बेड रिजर्व रखे गए हैं. इसी तरह एसआरएचसी हॉस्पिटल में आरक्षित 215 बेडों की संख्या को कम कर महज 50 कर दिया गया है.

डीसीबी अस्पताल में भी अब 50 बेड ही आरक्षित हैं, पहले यहां 213 बेट कोविड पेशेंटों के लिए रखे गए थे. एएसबी हॉस्पिटल और एसजीएम हॉस्पिटल में अब 20 बेड आरक्षित हैं जबकि पहले यहां क्रमशः 60 और 48 बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित रखे गए थे.

आपको ध्यान दिला दें कि बीते सोमवार को आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि स्थिति प्रबंधन समिति की सिफारिश पर उसने 33 निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित आईसीयू बेड घटाकर 60 फीसदी करने का निर्णय किया है.

दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद से कहा था कि यह निर्णय एम्स निदेशक और नीति आयोग के एक सदस्य की दो सदस्यीय समिति द्वारा स्थिति प्रबंधन समिति की सिफारिश पर मुहर लगाने के बाद किया गया है.

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