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दिल्ली : गाजीपुर बॉर्डर पर हुई किसान की मौत पर पी चिदंबरम का आया बयान कहा। …

नए कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन के दौरान शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर यूपी के बागपत जिला स्थित भागवनपुर नांगल गांव के एक किसान की मौत हो गई.

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इस घटना पर दुख जताते हुए केंद्र सरकार से किसानों की इच्छा का ध्यान रखने की बात कही है.

पी चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा जैसे ही दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन ने 38वें दिन में प्रवेश किया, एक और किसान ने अपनी जान गंवा दी. मैं किसानों के संकल्प को सलाम करता हूं.

सरकार को कृषि कानूनों को लंबित रखते हुए पुनर्विचार के लिए सहमत होना चाहिए. किसी भी नए कानून में किसान समुदाय की जरूरतों और इच्छाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए.

आंदोलन के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान की मौत, पी चिदंबरम ने कहा- किसानों की इच्छा का ध्यान रखे सरकार

मृत किसान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेज दिया गया है. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि बागपत जिला स्थित भगवानपुर नांगल गांव के गलतान सिंह गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे

धरना-प्रदर्शन में शामिल थे और पूर्णतया स्वस्थ थे. शुक्रवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाते हुए रास्ते में उनकी मौत हो गई. दिवंगत गलतान सिंह करीब 57 साल के थे.

बता दें, देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर 26 नवंबर 2020 से ही किसान डेरा डाले हुए हैं. वे तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ-साथ न्यनूतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.

हालांकि सरकार ने उनकी चार प्रमुख मांगों में पराली दहन से संबंधित अध्यादेश के तहत भारी जुर्माना और जेल की सजा के प्रावधान से मुक्त करने और बिजली सब्सिडी से जुड़ी

उनकी मांगों को बुधवार को हुई बैठक में मान ली है अन्य दो मांगों पर किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच अगली दौर की वार्ता चार जनवरी को होगी.

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