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11 जनवरी को सोमनाथ ट्रस्ट की बैठक, PM मोदी और अमित शाह करेंगे शिरकत, नए अध्‍यक्ष का होगा चयन

सोमनाथ ट्रस्ट की बैठक 11 जनवरी को होगी जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह सहित ट्रस्ट के 6 सदस्य ऑनलाइन शिरकत करेंगे। इस बैठक में सोमनाथ ट्रस्ट का नया अध्यक्ष चुना जाएगा। पूर्व अध्यक्ष केशुभाई पटेल के निधन के चलते यह पद खाली हो गया है। गुजरात के ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की आगामी बैठक 11 जनवरी को होगी जिसमें ट्रस्ट के नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। बीते माह सोमनाथ ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष तथा गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन के चलते ट्रस्ट के चेयरमैन का पद खाली हो गया था।

अक्टूबर 1949 में हुई थी पहली बैठक 

सोमनाथ ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित 6 सदस्य हैं। सोमनाथ ट्रस्ट की पहली बैठक अक्टूबर 1949 में हुई थी जिसमें नवानगर के जाम साहब दिग्विजय सिंह को अध्यक्ष चुना गया था, जाम साहब सोमनाथ ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में 1 967 तक काम करते रहे। सोमनाथ ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष केशुभाई पटेल का गत माह निधन हो जाने के चलते यह पद खाली हो गया। ट्रस्ट की 11 जनवरी को होने वाली बैठक में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। ट्रस्ट मंडल में 8 सदस्यों की जगह है जिसमें हाल दो जगह खाली है इसमें एक केंद्र सरकार तथा एक राज्य सरकार का पद है।

कब हुआ था सोमनाथ मंदिर का निर्माण 

भारत के इतिहास में सोमनाथ मंदिर का काफी महत्व है। महमूद गजनवी ने कई बार हम लेकर इस मंदिर को लूटा नेस्तनाबूद किया लेकिन हर बार प्रभास पाटन के राज परिवार तथा ब्राह्मण परिवार के लोगों ने इस मंदिर का नव निर्माण किया। चालुक्य शैली में बने इस मंदिर का आखरी बार नव निर्माण देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने कराया था। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सोमनाथ मंदिर के ज्योतिर्लिंग को बाहर ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर का निर्माण आजादी के बाद मई 1951 में कराया गया था।

सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र 

प्राचीन इतिहास में सोमनाथ मंदिर की समृद्धि तथा वैभव की कई गाथाएं मौजूद हैं और बताया जाता है कि इसकी संपन्नता के कारण है हमलावर लुटेरों के हमेशा यह निशाने पर रहा। अरब सागर किनारे बने इस वैभवशाली मंदिर को लूटने के लिए हर बार हमलावर समुद्री किनारे से आते और सोना हीरे जवाहरात आदि लूट कर इसी रास्ते वापस लौट जाते थे। सोमनाथ मंदिर ने पिछली कई सदियों के इतिहास में अपना स्वर्णिम इतिहास के रूप में नाम दर्ज कराया है। सौराष्ट्र के प्रभास पाटन जिले में स्थित यह मंदिर देश विदेश के श्रद्धालुओं तथा सैलानियों का भी आकर्षण का केंद्र रहा है।

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