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कोरोना महामारी के चलते ऐसे रखे अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान

बीते साल कोरोना महामारी की वजह से काफी कुछ बदल गया. फिर चाहें हमारी जीवन शैली हो, हमारा सामाजिक दायरा या फिर परिवार के लोगों के स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं इन सबने अधिकांश लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया.

अधिकांश शारीरिक बीमारियों की तरह मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उपचार की मदद से आसानी से दूर की जा सकती हैं. हालांकि आमतौर पर किसी को भी इनसे उबरने में समय लगता है,

लेकिन ऐसा तब ही होता है, जब इस समस्या की समय पर पहचान न की जाए ऐसे में कुछ अहम बातों पर ध्‍यान देकर और अपनी लाइफस्‍टाइल में कुछ बदलाव करके आप मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर कर सकते हैं.

आज कल की जीवन शैली और काम का दबाव इसकी वजह से नींद पूरी न हो पाना आम बात है. ऐसे में नींद पूरी तरह ली जाए इस साल इस संकल्‍प को गंभीरता से पूरा करना होगा.

क्‍योंकि एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक फिटनेस प्राप्‍त कर सकता है. इसलिए कम से कम आठ घंटे की भरपूर नींद जरूर लेनी चाहिए.

यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. वहीं सोने से पहले कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी आदि देखने की आदत से बचना चाहिए. साथ ही सोने से पहले कैफीन, अल्कोहल के सेवन से बचना जरूरी है. क्‍योंकि इनसे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है.

बीते साल कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों को सोशल डिस्‍टेंसिंग का सामना करना पड़ा. यहां तक कि विशेष अवसरों और त्योहारों को भी लोगों ने अपने घरों तक सीमित रह कर मनाया.

ऐसे में लोगों का मानसिक रूप से उदास होना स्वाभाविक है. इसी समय में वर्क फ्रॉम होम भी ज्‍यादातर लोगों की जीवनशैली का हिस्‍सा बन गया. ऐसे लोगों को अपना मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि वे ऑफिस जाने वाले दिनों की तरह ही अपनी दिनचर्या बनाए रखें.

साथ ही अपनी साफ सफाई का ध्‍यान रखें और ड्रेसिंग शैली इस तरह बनाए रखें जैसे कि उन्‍हें बाहर निकलना है. इसके अलावा वीडियो कॉलिंग आदि पर ऑनलाइन रह कर आप लोगों से जुड़े रह सकते हैं. वहीं अपनी पसंद की किताबें आदि पढ़ कर भी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाए रखा जा सकता है.

आमतौर पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग माना जाता रहा है. मगर इसका हमारी सेहत पर पूरा प्रभाव पड़ता है. अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य से कार्यक्षमता बढ़ती है और आत्मविश्वास में भी इजाफा होता है.

ऐसे में जरूरी है कि नियमित व्यायाम किया जाए और खान-पान का ध्‍यान रखा जाए. व्यायाम करने से एंडोर्फिन नामक रसायनों का उदय होता है, जो हमें खुशी का एहसास कराते हैं. वहीं पोषक तत्वों वाले आहार से शरीर को फिट, ऊर्जावान और रोगमुक्त बनाए रखने में मदद मिलती है.

मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए यह बेहद जरूरी है कि खुद से प्‍यार किया जाए यानी खुद का ख्‍याल रखा जाए. अक्‍सर लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करते हैं, इसकी वजह यह है कि वे अपनी जिम्‍मेदारियों को पूरा करने में व्यस्त रहते हैं.

हालांकि जिस तरह हम अपने गैजेट्स का ध्यान रखते हैं ताकि वे अच्‍छी तरह काम कर सकें, इसी तरह हमें अपनी सेहत को बनाए रखने और खुशहाल बने रहने के लिए भी अपनी केयर करनी चाहिए.

खुद को खुश रखने का बेहतर तरीका है कि आप अपनी पसंद की चीजों में थोड़ा समय गुजारें. जिन लोगों को खाना बनाना पसंद है वे कुकिंग कर सकते हैं. वहीं

जिन लोगों को बच्चों या अपने पालतू जानवरों के साथ खेलना पसंद है वे इनके साथ समय गुजार सकते हैं. इसके अलावा बागवानी और यात्रा करने के शौकीन इसमें समय व्‍यतीत करके खुश रह सकते हैं

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