दिल्ली में प्रमुखता के आधार पर टीकाकरण कराया जाना चाहिए : सत्येंद्र जैन
दिल्ली में शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान समेत 5 अस्पतालों में कोरोना के टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) किया गया है, जिसमें एक केंद्र सरकार का अस्पताल (उत्तर रेलवे सेंट्रल अस्पताल), निजी क्षेत्र का प्राइमस अस्पताल, राजोकरी स्थित नगर निगम स्कूल में बने टीकाकरण केंद्र और वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल में पूर्वाभ्यास किया जाएगा। इस दौरान टीकाकरण से जुड़ी व्यवस्था का आकलन किया जाएगा। इससे पहले दिल्ली में दो बार पूर्वाभ्यास हो चुका है। बता दें कि कोरोना का संक्रमण कम जरूर हो गया है, लेकिन यहां संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बना हुआ है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के समक्ष यह मांग रखी कि दिल्ली में प्रमुखता के आधार पर टीकाकरण कराया जाना चाहिए। उन्होंने दिल्ली सहित सभी राज्यों में इसे निशुल्क उपलब्ध कराए जाने की भी मांग की। दरअसल, डा हर्षवर्धन टीकाकरण की तैयारियों को लेकर सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक वचरुअल बैठक की, जिसमें सत्येंद्र जैन ने उन्हें दिल्ली सरकार की चिंताओं से अवगत कराया और कहा कि दिल्ली में टीकाकरण की पूरी तैयारी कर ली गई है। टीके का पूर्वाभ्यास बेहतर रहा है।
दिल्ली में पहले चरण के टीकाकरण के लिए कोरोना का कौन सा टीका मिलेगा कोविशील्ड या कोवैक्सीन? अभी इसको लेकर संशय बरकरार है। इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों में यह जिज्ञासा बनी हुई है कि उन्हें कौन सा टीका लगेगा। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का कहना है कि दिल्ली में जो भी टीका सरकार उपलब्ध कराएगी डॉक्टर उसका स्वागत करेंगे। वैसे उम्मीद जताई जा रही है कि पहले चरण के टीकाकरण के लिए दिल्ली को कोविशील्ड टीका मिलेगा। इसलिए स्वास्थ्य कर्मियों को यह टीका लगने की उम्मीद ज्यादा है।
दिल्ली में पहले चरण में नौ लाख लोगों को टीका लगना है, जिसमें सबसे पहले तीन लाख स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगेगा। फिर अग्रिम पंक्ति के छह लाख कर्मचारियों को टीका लगाए जाने की तैयारी है। स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा तैयार करते वक्त डीएमए ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से पूछा था कि स्वास्थ्य कर्मियों को कौन सा टीका लगेगा?