मकर संक्रांति को करे ये दान-पुण्य होता है विशेष महत्व
मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. यह हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को नए फल और नए ऋतु के आगमन के लिए मनाया जाता है.
जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस दिन लाखों श्रद्धालु गंगा और अन्य पावन नदियों के तट पर स्नान और दान, धर्म करते हैं. मकर संक्रांति को दान-पुण्य का दिन भी माना जाता है.
इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है. मान्यता है कि किसी को दुख देकर कमाए गए धन से दान नहीं करना चाहिए. ऐसा दान अच्छा नहीं माना जाता और इसका कोई फल भी नहीं मिलता है. इसलिए दान हमेशा अच्छे तरीके से कमाए गए धन में से ही करना अच्छा माना जाता है.
दान देने के पीछे कारण यह होता है कि यह पात्र को ही दिया जाए. यानी जरूरतमंदों को ही दान किया जाना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार दान ऐसे व्यक्ति को दिया जाना चाहिए जो जरूरतमंद हो और इसका सदुपयोग करे.
तभी दान का फल प्राप्त होता है. मान्यता है कि दान अच्छे मन से करना चाहिए और इसको देने के बाद इसका पश्चाताप भी नहीं करना चाहिए. वरना दान देने वाले को इसका फल और पुण्य नहीं मिलता.
वहीं दान ऐसे व्यक्ति को दें जो इसका हकदार हो और दान मिलने पर संतुष्ट रहे. ऐसे लोग जो दान देने से संतुष्ट नहीं होते और उससे और मिलने की अपेक्षा करें, वहीं दान देने वाले को किसी तरह अपमानित करें, उन्हें दान नहीं दिया जाना चाहिए.
वहीं यह भी कहा जाता है कि दान देने के पीछे व्यक्ति का लक्ष्य किसी तरह का दिखावा करना या यश पाना न हो. ऐसा दान अच्छा नहीं माना जाता. क्योंकि दान इसलिए दिया जाता है कि आपको भगवान ने इस योग्य बनाया है
कि आप अन्य लोगों की सहायता करें वहीं इस बात का भी ध्यान रखें कि आप जो चीजें दान कर रहे हैं, वे अच्छी हों ऐसा न हो कि आप पुरानी और अपने उपयोग में न लाई जाने वाली पुरानी, बेकार चीजें लोगों को दान करें.
मकर संक्रांति को दान-पुण्य का दिन माना जाता है. इस दिन आप दान में नमक, घी और अनाज भी दान कर सकते हैं. इसका भी बहुत महत्व है. शिव पुराण के अनुसार इस दिन आप नए वस्त्रों का दान भी कर सकते हैं. इसे अच्छा माना जाता है. इसके अलावा इस दिन तिल या गुड़ का दान करना शुभ माना जाता है.