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बिहार की सियासत में फिर टूटी भाषा की मर्यादा, बोले प्रदेश अध्‍यक्ष- हर भौंकने वाले का जवाब देना जरूरी नहीं

बिहार की सियासत में भाषाई मर्यादा का टूटना नई बात नहीं, लेकिन इस ट्रेंड में इधर फिर उछाल आता दिख रहा है। शुरूआत राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के जिम्‍मेदार व परिपक्‍व माने जाने वाले प्रदेश अध्‍यक्ष जदगादनंद सिंह (Jagdanand Singh) ने की है। बीते दोत-तीन दिनों से आरजेडी पर हो रहे सियासी वार पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्‍होंने कहा कि हरा भौंकने वाले का जवाब देना जरूरी नहीं है। जगदानंद सिंह आरजेडी में पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के करीबी माने जाते हैं।

भूपेंद्र व ललन सिंह के बयानों पर दी प्रतिक्रिया

विदित हो कि बीते रविवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने कहा था कि खरमास के बाद आरजेडी में बड़ी फूट होगी। तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) खरमास के बाद अपनी पार्टी बचाने पर ध्‍यान दें। इसके अगले दिन सोमवार को भूपेंद्र यादव के बयान की ओर मीडिया के ध्‍यान दिलाने पर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरीय नेता व सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने कहा कि भूपेंद्र यादव तो कम बोल रहे हैं, जिस दिन वे तय कर लेंगे, पूरे आरजेडी का ही बीजेपी में विलय हो जाएगा। जगदानंद सिंह बीजेपी व जेडीयू नेताओं के इन्‍हीं बयानों पर  प्रतिक्रिया दे रहे थे। जगदानंद सिंह सोमवार को राबड़ी देवी के आवास पर तेजस्वी यादव के नेतृत्‍व में आयोजित आरजेडी के उपाध्‍यक्षों की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही।

साफ झलकती दिखी आरजेडी की बौखलाहट

जगदानंद सिंह के बयान में कहा कि कभी बीजेपी कहती है तो कभी जेडीयू दावा करता है कि आरजेडी को तोड़ देंगे। अब हर भौंकने वाले को जवाब देना जरूरी है क्‍या? उन्होंने कहा कि आरजेडी जनता के मुद्दों को लेकर पूरी मजबूती के साथ लड़ रही है। जनहित के मुद्दों को लेकर पार्टी जब भी जरूरी होगी, सड़कों पर नजर आएगी। आगामी 30 जनवरी को महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर आरजेडी किसानों के समर्थन में एक दिनी आंदोलन करेगी। जगदानंद सिंह द्वारा अपने बयान में बीजेपी नेता भूपेंद्र यादव तथा जेडीयू नेता ललन सिंह को निशाने पर लेने में आरजेडी की बौखलाहट की झलक दिखी।

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