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प्रदेश में हुआ कोविड टीकाकरण का सफल शुभारम्भ

देश-व्यापी शुरूआत के साथ ही उत्तर प्रदेश में भी जानलेवा वैश्विक महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए आज  16 जनवरी, 2021 से  टीकाकरण का शुभारम्भ हो गया ।

टीकाकरण के शुभारम्भ के समय  प्रदेश के मुख्य मंत्री के साथ  चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, श्री जयप्रताप सिंह आज यहां बलरामपुर अस्पताल में बनाये गए कोविड टीकाकरण सेंटर में स्वयं उपस्थित रहे।

प्रदेश के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों ने भी  इस अवसर पर टीका स्वम् टीका लगवाया।  प्रदेश के सभी जनपदों में कुल 317 स्थानों पर  प्रथम चरण का कोविड टीकाकरण आज प्रारम्भ हो गया।

चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि आज प्रदेश में सभी जनपदों में कुल 317 स्थानों पर कोविड टीकाकरण की शुरुआत हुयी । यह टीका स्वदेश में ही प्रसिद्द वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किया गया है जिसकी विदेशों से भी भारी मांग की जा रही है।

उन्होने कहा की कोरोना संक्रमण से  बचाव और संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए ये टीकाकरण अभियान चलाया गया है। उन्होंने बताया की ये अभियान तीन चरणों में चलेगा जिसमें  प्रथम चरण में स्वास्थयकर्मियों को  वैक्सीन लग रही है।

मंत्री श्री जयप्रताप सिंह ने बताया कि टीकाकरण के दौरान सभी सुरक्षा के नियमों का पालन किया जा रहा है । सुरक्षा के सभी इन्तजाम  हैं। सभी 1298 कोल्ड चेन पाॅइन्टस पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगे  हैं एवं टीकाकरण सत्र की निगरानी भी सी0सी0टी0वी0 द्वारा हो रही है ।

टीकाकरण सम्बन्धी किसी भी समस्या के लिए राज्य हेल्पलाइन नम्बर- 104 और राष्ट्रीय हेल्पलाइन नम्बर- 1075 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि  प्रदेश में  को वैक्सीन एवं कोवीशील्ड  दोनो प्रकार के स्वदेशी टीकों का प्रयोग किया जा रहा है । प्रदेश में प्रथम चरण के लिए कोवीशील्ड  की 10,55,500 एवं को वैक्सीन की 20,000 खुराकें आयी हैं।

टीके सभी 75 जिलों में जरूरत के हिसाब से भेजे जा चुके हैं। कोल्ड चेन के लिए उचित जगह एवं उपकरण की व्यवस्था  है।

उन्होंने कहा टीकाकरण केन्द्रों पर 05 सदस्यों की टीम मे सुरक्षा कर्मी, सत्यापन करता, टीका लगने वाला, मोबिलाइजर एवं सपोर्ट स्टाॅफ शामिल हैं। सभी सदस्यों को अपने कार्य के लिए उचित प्रशिक्षण प्राप्त हैं।

उन्होंने बताया की कोविड टीकाकरण उचित वैज्ञानिक शोध के बाद लागू किया गया है। इसमें प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मी, द्वितीय में फ्रन्टलाइन कार्यकर्ता एवं तीसरे चरण में 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति शामिल होंगे।

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