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दिल्ली के पूसा संस्थान में SC द्वारा बनाई गई कमेटी की अहम बैठक, कृषि कानूनों को लेकर करेंगे चर्चा

आज दिल्ली के पूसा संस्थान में सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई कमेटी की अहम बैठक होगी। मीटिंग में कमेटी के तीन सदस्य शामिल होंगे और कृषि कानूनों को लेकर आपस में चर्चा करेंगे। कमेटी के सदस्य किसानों के साथ बातचीत से जुड़े हर पहलू को लेकर भी चर्चा करेंगे और फिर आगे की कार्रवाई तय करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर किसानों के आंदोलन को देखते हुए 4 सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जिसमें से भूपिंदर सिंह मान ने कमेटी से अलग होने का ऐलान कर दिया था। अब इस कमेटी के सदस्य अनिल घनवट, अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी आज की इस बैठक में हिस्सा लेंगे। हालांकि किसान संगठनों की बैठक में कहा गया है कि वे समिति को स्वीकार नहीं करेंगे, जिसमें उनके अनुसार वे सदस्य शामिल हैं, जिन्होंने केंद्र के कानूनों का समर्थन किया था।

सितंबर 2020 में लागू केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों को किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमुख सुधारों के रूप में प्रस्तुत किया है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने चिंता जताई है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और “मंडी” (थोक बाजार) को कमजोर करेंगे। उन्‍हें सिस्टम और बड़े कॉरपोरेट्स की दया पर छोड़ दिया जाएगा। सरकार ने कहा है कि इन आशंकाओं को गलत माना जाता है और कानूनों को निरस्त करने से इनकार किया है।

केंद्र और 41 किसान यूनियनों के बीच पिछले दस दौर की औपचारिक वार्ता दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय से चल रहे विरोध को समाप्त करने के लिए कोई ठोस परिणाम देने में विफल रही है, क्योंकि किसान बाद में तीन कृषि को पूरी तरह से निरस्त करने की अपनी मुख्य मांग पर अड़ गए हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई है कि विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान संगठनों के साथ बातचीत के अगले दौर में नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के अलावा अन्य विकल्पों पर चर्चा की जाएगी और उनसे अपील की कि वे गणतंत्र पर अपनी रैली के साथ आगे न बढ़ें दिल्ली में दिन। उन्‍होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि किसानों की यूनियनें विकल्पों (कानूनों के निरसन के अलावा) पर चर्चा करेंगी ताकि हम एक समाधान तक पहुंच सकें।”

टाली गई किसानों और सरकार के बीच मीटिंग

आज होने वाली किसानों और सरकार की मीटिंग को कल तक के लिए टाल दिया गया है। दरअसल, किसान नेताओं के बीच में भी दरार पैदा हो गई थी। राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के आरोपों के बाद गुरुनाम सिंह चढूनी को किसानों की कमेटी से सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि अब उन्हें वापस कमेटी में ले लिया गया है, लेकिन इस दौरान शिवकुमार कक्का और चढूनी के जुबानी तीर भी चले। अब किसान नेता आपस के मतभेदों को दूर करने में लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि इसी वजह से किसानों और सरकार की बीच होने वाली बैठक टाल दी गई है। अब सरकार और किसानों की मीटिंग कल होगी। दावा है कि गुरनाम सिंह चढ़नी में इस बैठक में शामिल होंगे।

ट्रैक्टर परेड निकालने पर अड़े क‍िसान

किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने पर अड़े हुए हैं। ट्रैक्टर परेड निकालने को लेकर दिल्ली पुलिस और किसानों की आज एक मीटिंग होने वाली है। सिंघु बॉर्डर पर होने वाली इस बैठक में किसान, दिल्ली पुलिस से ट्रैक्टर परेड की अनुमति और इसका रूट पर चर्चा कर सकते हैं। किसानों ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि उनके परेड की वजह से गणतंत्र दिवस की परेड पर कोई असर नहीं होगा और उनकी परेड सिर्फ आउटर रिंग रोड पर चलेगी। ट्रैक्टर परेड को लेकर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है।

वहीं ट्रैक्टर परेड के लिए टीकरी बॉर्डर पर किसान रिहर्सल करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैट आज भिवानी से 45 किलोमीटर ट्रैक्टर चला कर दिल्ली की सीमा तक आएंगे। बताया जा रहा है कि अगल-अलग जगहों पर भी किसान ट्रैक्टर परेड की तैयारी कर रहे हैं।

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