कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेशभर में टीकाकरण अभियान चल रहा है। शुरुआत में स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 की वैक्सीन लगाई जा रही है। पर टीकाकरण के इस महाभियान में कुछ लोग हिचक रहे हैं। स्थिति ये कि उत्तराखंड में टीकाकरण का ग्राफ लगातार घटता जा रहा है। मंगलवार को प्रदेश में 1882 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया गया। सोमवार को यह संख्या 1961, जबकि शनिवार को 2276 थी। राज्य की 34 स्वास्थ्य इकाइयों पर तीन दिन में 6119 व्यक्तियों को टीका लग चुका है।
विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भारत में बनी दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और को-वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बता रहे हैं। खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी कह चुके हैं कि लोग वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में पड़ें। वहीं, टीका लगवा चुके चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी वैक्सीन को सुरक्षित बता रहे हैं, क्योंकि टीका लगवाने के बाद किसी तरह का प्रतिकूल प्रभाव उन पर नहीं पड़ा है। इतना जरूर कि टीका लगाने के बाद कुछ व्यक्तियों ने हल्का बुखार होने की शिकायत की है। जिसे विशेषज्ञ एक स्वाभाविक प्रक्रिया बता रहे हैं। उनका कहना है कि बुखार को लेकर भ्रम फैलाना अथवा घबराना गलत है। सभी को बेहिचक टीका लगवाने के लिए आगे आना चाहिए।
टीका लगवाने के बाद मिली मानसिक संतुष्टि: डॉ. मेघना
गांधी शताब्दी अस्पताल की वरिष्ठ महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मेघना असवाल का कहना है कि टीका लगने के बाद उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई है। बल्कि नई ऊर्जा के साथ मानसिक संतुष्टि भी मिली। वह इसलिए कि टीका लगाने वाले कर्मी खुद को काफी हद तक सुरक्षित समझेंगे और घर या अस्पताल में उनके संपर्क में आने वालों को भी संक्रमण का खतरा कम रहेगा। डॉ. मेघना का कहना है कि वैक्सीन को लेकर किसी के मन में गलतफहमी, डर या घबराहट नहीं रहनी चाहिए। सभी को वैक्सीन लगवाने को बेझिझक आगे आना चाहिए। इतना जरूर कि वैक्सीन लगने के बाद भी कोविड-19 से संबंधित गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। क्योंकि शरीर में एंटीबॉडी बनने में समय लगता है।
मन में न रहे कोई भ्रम: मीनाक्षी
नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष मीनाक्षी जखमोला का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने से डरना नहीं चाहिए। जिस दिन जिस स्वास्थ्य कर्मी की टीकाकरण की बारी आती है, उसे टीका लगवाने के लिए निर्धारित सेंटर (चिकित्सा इकाई) पर पहुंचना चाहिए। वैक्सीन को लेकर मन में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। क्योंकि टीका लगने के बाद भी व्यक्ति को आधे घंटे तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाता है। ताकि यदि इस दौरान किसी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो उसे तत्काल उपचार दिया जा सके।
निर्भीक होकर लगवाएं टीका: डॉ. खत्री
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डिप्टी एमएस एवं कोरोना के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. एनएस खत्री ने मंगलवार को टीका लगवाया। उन्हें डायबिटीज व हाइपरटेंशन की दिक्कत है, पर इस सबके बावजूद बेझिझक टीका लगवाया। डॉ. खत्री ने कहा कि वैक्सीन को लेकर मन में किसी तरह का भ्रम नहीं पालें और अफवाह से दूर रहें। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। इसलिए निर्भीक होकर टीका लगवाएं। टीकाकरण के दौरान सुरक्षा के सभी मापदंडों का ध्यान रखा जा रहा है। ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो। वैक्सीन की पहली खुराक के दस दिन बाद से आंशिक प्रतिरोधक क्षमता बनने लगेगी। 28 दिन तक टीका काफी हद तक असरकारक हो जाएगा। दूसरा टीका लगाने के दस दिन बाद यानी पहले टीके से 40 दिन बाद 90 फीसद एंटीबाडी बन जाएगी।
कहां-कितना टीकाकरण
जनपद टीकाकरण, कुल टीकाकरण
अल्मोड़ा: 174, 410
बागेश्वर: 115, 373
चमोली: 152, 402
चंपावत: 139, 422
देहरादून: 209, 704
हरिद्वार: 200, 685
नैनीताल: 190, 562
पौड़ी गढ़वाल: 140,397
पिथौरागढ़: 79, 352
रूद्रप्रयाग: 83, 331
टिहरी गढ़वाल: 78,369
ऊधमसिंहनगर: 208,733
उत्तरकाशी: 115,379