विश्व बैंक पोषित परियोजना यू.पी.डब्ल्यू. एस.आर.पी. के सौजन्य से आयोजित वाल्मी की दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न
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सिंचाई विभाग की विश्व बैंक पोषित परियोजना यू.पी.डब्ल्यू. एस.आर.पी. के सौजन्य से वाल्मी संस्थान द्वारा 18-19 जनवरी 2021 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारम्भ मुख्य अभियंता पैक्ट, मुख्य अभियंता शारदा सहायक तथा मुख्य अभियंता सरयू 2 द्वारा किया गया।
इस कार्यशाला मे जनपद बाराबंकी, अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ तथा जौनपुर के सात खण्डों के अधीक्षण अभियंताओ, अधिशासी अभियंताओ, सहायक अभियंताओ के साथ जल उपभोक्ता समितियों के अध्यक्षों ने भाग लिया।
कार्यशाला के प्रथम दिन विश्वबैंक के पिम कंसलटेन्ट श्री पी के सिंन्हा ने देश के सभी राज्यों के साथ उत्तर प्रदेश के पिम अधिनियम का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का पिम अधिनियम सबसे अधिक सशक्त और सम्रद्ध अधिनियम है।
उन्होने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश जैसी विस्तृत पिम व्यवस्था किसी भी अन्य राज्य मे नही है। इसी क्रम मे आई0आई0एम0 लखनऊ द्वारा उत्तर प्रदेश मे पिम के प्रभाव का अध्ययन प्रस्तुत किया गया।
इसमे आई0आई0एम0 द्वारा बताया गया कि पिम के सभी मानको यथा जल की उपलब्धता, जल के समानुपाती वितरण, नहर अपराधों मे कमी तथा अबैध सिंचाई मे कमी में जल उपभोक्ता समितियों के आने से सुधार हुआ है।
अधीक्षण अभियंता श्री आनन्द कुमार आन्नद द्वारा भी अपने प्रस्तुतीकरण मे आई0आई0एम0 के अध्ययन को प्रमाणिक बताया गया। कार्यशाला मे अधिशासी अभियंताओ, सहायक अभियंताओ तथा जल उपभोक्ता समितियों द्वारा अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया।
तारापुर अल्पिका समिति, छीड़ा, नागापुर रजबहा तथा औरंगाबाद रजबहा समिति द्वारा अपनी सफलता की कहानी को साझा किया गया। कार्यशाला का समापन प्रमुख अभियंता परियोजना श्री मुश्ताक अहमद ने करते हुए कहा कि कार्यशाला के निष्कर्षों से प्रतिभागियों को कार्य करने की एक नई दृष्टि मिलेगी जो जल उपभोक्ता समितियों तथा अन्य प्रतिभागियों के लिए उपयोगी तथा मार्गदर्शक सिद्ध होगी।