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उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर तैयारी पूरी इस मोबाइल App से रखेंगे नजर

उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. ऐसे में यूपी के 75 जिलों में परिसीमन के बाद साल 2015 की तुलना में पांच सालों में पंचायतों का दायरा सिमट गया है.

जिसके चलते जिला पंचायतों के 3120 वार्ड अब घटकर 3051 रह गए हैं. 880 ग्राम पंचायत शहरी क्षेत्र में मिल गयी हैं. ऐसे में मेरठ पुलिस ने भी अपनी कमर कस ली है.

जानकारी के मुताबिक मेरठ रेंज के आईजी ने एक प्लान तैयार किया है जिसमें पुलिस प्रशासन असामाजिक तत्वों से जुड़ी हर हरकत की निगरानी एक ऐप के जरिये करेगा.

इस सी-प्लान ऐप का मुख्य काम अफवाहों पर लगाम लगाना रहेगा. इससे पहले लोक सभा चुनाव में भी पुलिस ने इस ऐप का प्रयोग किया था जोकि काफी सफल रहा था.

मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार के मुताबिक सी-प्लान ऐप को कम्युनिटिंग पुलिसिंग, आमजन से सीधी बात, पुलिस कार्यों में जनता की भागीदारी और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से बनाया गया है.

इस ऐप की मदद से पुलिस कहीं भी घटने वाली घटना की सच्चाई जान सकती है और उसपर एक्शन ले सकती है. उन्होंने बताया कि इस ऐप की मदद से गांव और कस्बे के संभ्रांत लोगों से सीधे तौर पर सम्पर्क करना बेहद आसान हो जाता है.

यूपी में इस बार 59,074 की जगह 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधानी के वोट पड़ेगा. वहीं ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या कम हो गयी है. जिसमें 12,745 वार्ड कम हो गए हैं.

ऐसे में 826 ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव करने के लिए यूपी में 75 हजार 805 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाएंगे. इस संख्या पर नजर करें तो साल 2015 से अब ये 1,996 कम होंगे.

वहीं यह भी जानकारी आ रही है कि मेरठ जिले में इस बार 80 प्रतिशत ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य चुनाव में शामिल नहीं हो पाएंगे. बताया जा रहा है कि यहां 80 प्रतिशत सदस्यों ने चुनाव खर्च नहीं जमा किया जिसके चलते ये सभी चुनावी जंग से बाहर हो गए हैं.

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