वन्य जीव विहार हेतु संबंधित जनपदों में जिला अधिकारी की अध्यक्षता में दस सदस्यीय आंचलिक महायोजना समिति का गठन
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के विभिन्न वन्य जीव विहारों/पक्षी विहारों के पारिस्थितिकीय संवेदी जोन में विद्यमान भू-उपयोग, अवसंरचनाओं आदि का विवरण संकलित करने के लिए आंचलिक महायोजना तैयार की जाएगी।
प्रत्येक वन्य जीव विहार हेतु संबंधित जनपदों में जिला अधिकारी की अध्यक्षता में दस सदस्यीय आंचलिक महायोजना समिति का गठन किया गया है। इस समिति में वन्य संरक्षक/प्रभागीय वनाधिकारी वन्य जीव संयोजक की भूमिका में रहेंगे।
यह जानकारी प्रमुख सचिव वन, श्री सुधीर गर्ग द्वारा दी गई है। उन्होंने बताया कि इनके अतिरिक्त इस समिति में जिला क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, अधिशाषी अभियंता, सिंचाई एवं जल संसाधन, अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण,
जिला उद्यान अधिकारी संबंधित स्थानीय निकाय के अधिशाषी अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। इसके साथ ही क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी/क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी से भी सुझाव प्राप्त किया जायेगा।
श्री गर्ग ने बताया कि सभी सदस्य प्रदेश के अवस्थित पक्षी विहारों/वन्य जीव विहारों के चारों ओर पारिस्थिकीय संवेदी जोन घोषित करने के लिए आंचलिक महायोजना को तैयार करने हेतु जिलाधिकारी के निर्देशन में कार्य करेंगे और समावेश जनपद स्तर पर तैयार की जाने वाली आंचलिक महायोजना के बारे में अपना मंतव्य रखेंगे। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों से परस्पर अपेक्षित सक्रीय सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा की है।
प्रमुख सचिव वन ने बताया कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदेश के विभिन्न वन्य जीव विहारों/पक्षी विहारों-ओखला पक्षी विहार, कैमूर वन्य जीव विहार, रानी वन्य जीव विहार, सोहगीबरवा वन्य जीव विहार, समान पक्षी विहार,
पार्वती अरगा पक्षी विहार, हस्तिनापुर वन्य जीव विहार, चन्दप्रभा वन्य जीव विहार, पटना पक्षी विहार, साण्डी पक्षी विहार, लाखबहोसी पक्षी विहार, नवाबगंज पक्षी विहार, समसपुर पक्षी विहार, सूर सरोवर पक्षी विहार,
विजय सागर पक्षी विहार, जय प्रकाश नारायण पक्षी विहार तथा बखिरा पक्षी विहार के चारों ओर पारिस्थिकीय संवेदी जोन घोषित करने के संबंध में अंतिम अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त अन्य पक्षी विहारों/वन्य जीव विहारों के पारिस्थिकीय संवेदी जोन की भी अधिसूचना जारी करने की कार्यवाही भारत सरकार के स्तर पर प्रक्रियाधीन है।
श्री गर्ग ने बताया कि भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार पारिस्थिकीय संवेदी जोन के लिए राज्य पत्र में अधिसूचनाओं के अंतिम प्रकाशन की तारीख से दो वर्ष के भीतर स्थानीय व्यक्तियों के परामर्श से आंचलिक महायोजना तैयार करेगी, जिसे पारिस्थिकीय संवेदी जोन में विद्यमान भू-उपयोग एवं अवसंरचनाओं आदि का विवरण अनिवार्य रूप से सम्मिलित करेगी।