उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में जाने किसका रहेगा पलड़ा भारी
उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में गुरुवार को 12 सदस्यों का चुनाव निर्विरोध हो गया. नाम वापसी की अवधि पूरी होने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने नए सदस्यों को प्रमाणपत्र सौंप दिए.
बता दें इस चुनाव में बीजेपी की ताकत बढ़ी है, वहीं 4 सीटों के नुकसान के बाद भी समाजवादी पार्टी विधान परिषद में सबसे बड़ा दल है. 12 में से 10 सीटें बीजेपी के खाते में गईं, जबकि सपा को दो सीटें मिलीं.
विधानपरिषद में दलों की स्थिति पर नजर डालें तो सपा के पास पहले 55 सदस्य थे, जो घटकर 51 रह गए हैं. बीजेपी 25 से 32 पर पहुंच गई है, वहीं बसपा की सदस्य संख्या 8 से घटकर 6 हो गई है. कांग्रेस 2 पर बरकरार है, वहीं अपना दल सोनेलाल के पास 1 और शिक्षक दल 1, निर्दलीय समूह 2, निर्दलीय 3 और 2 सीटें रिक्त हैं.
बीजेपी से नवनिर्वाचित सदस्यों में डॉ दिनेश शर्मा, स्वतंत्र देव सिंह, लक्ष्मण प्रसाद, कुंवर मानवेंद्र सिंह, अरविंद कुमार शर्मा, गोविंद नारायण शुक्ला, सलिल विश्नोई, अश्विनी त्यागी, धर्मवीर प्रजापति, सुरेंद्र चौधरी हैं. वहीं समाजवादी पार्टी से अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी निर्विरोध चुने गए हैं.
इनमें डॉ दिनेश शर्मा, अहमद हसन, स्वतंत्रदेव सिंह और लक्ष्मण प्रसाद फिर से निर्वाचित हुए हैं, वहीं आशु मलिक, रमेश यादव, रामजतन राजभर, वीरेंद्र सिंह, साहब सिंह सैनी, धर्मवीर अशोक, नसीमुद़्दीन सिद्दीकी और प्रदीप कुमार यादव को मौका नहीं मिल सका है.
विधानपरिषद में किसके पास कितनी सीट
समाजवादी पार्टी- 51
बीजेपी- 32
बसपा- 6
कांग्रेस- 2
अपना दल (सोनेलाल)- 1
शिक्षक दल- 1
निर्दलीय समूह- 2
निर्दलीय 3
रिक्त- 2