भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए महंत नरेन्द्र गिरी ने दिया इतने लाख का चेक
साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने राम मंदिर निर्माण के लिए दो लाख 51 हजार का चेक ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपा है.
इस मौके पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मैं गंगा मैया और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन के लिए आया था. उन्होंने कहा कि जब मंदिर जाते हैं और पूजा की थाली सामने आती है तो कोई कुछ मांगता नहीं है, बल्कि लोग स्वेच्छा से उसमें कुछ न कुछ डाल देते हैं.
उन्होंने कहा कि भगवान राम के मंदिर निर्माण में लोग भगवान के चरणों में अपनी श्रद्धा से समर्पण कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में यह समर्पण हो रहा है और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट समाज का समर्पण स्वीकार भी कर रहा है.
उन्होंने कहा कि देश में हर जाति, बिरादरी, गांव, शहर और यहां तक कि जंगल में रहने वाला व्यक्ति जो भगवान राम में आस्था रखता है, वह मंदिर निर्माण में सहयोग कर रहा है. चंपत राय ने कहा कि हिन्दुस्तान को जोड़ने वाला तत्व भी राम ही है.
उन्होंने कहा कि अयोध्या में जो भव्य मंदिर बनकर तैयार होगा ये हिन्दुस्तान की आधी आबादी के पुरुषार्थ का मंदिर बनेगा। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा सहयोग दिए जाने को लेकर कहा कि राम सबके हैं. कोई उन्हें अपने महापुरुष के रुप में देख रहा है और कोई अपने पूर्वजों के महापुरुष के रुप में भगवान राम को देख रहा है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि देश में आज जो मुस्लिम हैं पांच सौ साल पहले उनके पूर्वजों के आराध्य भी राम ही थे. उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम मुस्लिम देशों में मुस्लिम रामलीलाओं का मंचन भी करते हैं, इसलिए राम को लेकर लोगों को संकीर्ण सोच नहीं रखनी चाहिए।
वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि हनुमान जी की प्रेरणा से राम मंदिर के लिए मैंने दो लाख 51 हजार का सहयोग दिया है. उन्होंने सभी लोगों से राम के कार्य में सहयोग की अपील भी की है.
उन्होंने कहा कि लगभग पांच सौ वर्षों के बाद अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और हम इसे बनते देख रहे हैं, ये हम सभी लोगों के लिए बड़े सौभाग्य की बात की है.
महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि श्रद्धा पूर्वक हम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण कर रहे हैं क्योंकि भगवान को कुछ देने की क्षमता किसी व्यक्ति में नहीं है. वहीं काशी और मथुरा को मुक्त कराने के सवाल पर उन्होंने कहा है कि हनुमान जी ही काशी और मथुरा दोनों को मुक्त करायेंगे।