कोलकाता: 6 साल में 3 पुल हादसे, आखिर कब नींद से जागेगा प्रशासन?
यह पुल करीब 40 साल पुराना बताया जा रहा है। बता दें कि पिछले 6 साल के अंदर कोलकाता में पुल गिरने का यह तीसरा मामला है। इससे पहले उत्तरी कोलकाता के भीड़-भाड़ वाले बड़ा बाजार इलाके में 31 मार्च, 2016 को निर्माणाधीन विवेकानंद पुल गिर गया था। इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी।
पीडब्ल्यूडी की लापरवाही के चलते हुआ हादसा!
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने इस पुल की स्थिति के बारे में पहले ही पीडब्ल्यूडी को चेता दिया था, लेकिन समय रहते विभाग ने इसपर ध्यान नहीं दिया और पुल की मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने भी कहा कि पुल के बेहतर रखरखाव की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले पुल पर गड्ढा होने की रिपोर्ट मिली थी, अब मुझे नहीं पता कि पीडब्ल्यूडी ने इसपर ध्यान दिया था या नहीं।
…तो हादसा हो जाता और भयानक
बता दें कि यह पुल मंगलवार शाम करीब 5 बजे गिरा। लेकिन अगर यह पुल कुछ समय की देरी से गिरता तो हादसा और भी भयानक हो सकता था। दरअसल, शाम 6 बजे के बाद पुल पर दफ्तरों से लौटने वाले लोगों की भीड़ जमा हो जाती है, जिसकी वजह से पुल पर लंबा जाम लग जाता है। व्यस्त समय में इस पुल से हजारों गाड़ियां गुजरती हैं और ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि यह पुल कोलकाता की घनी आबादी वाले क्षेत्र बेहाला, दक्षिण परगना जिले और बाकी के हिस्सों को जोड़ता है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा कि पुल के नीचे एक झोपड़ी है, जिसमें मेट्रो रेल निर्माण कार्य में लगे कुछ मजदूर रहते थे। लेकिन गनीमत रही कि वो हादसे के वक्त वहां मौजूद नहीं थे, नहीं तो यह एक बड़ा हादसा हो सकता था।