उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास प्रथम संशोधन नियमावली, 2021 अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (विकास शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) नियमावली, 2014 में संशोधन के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुए उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (विकास शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय भी लिया गया है कि प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरणों, उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद तथा समस्त विनियमित क्षेत्रों द्वारा अपने-अपने नियमों के अन्तर्गत विहित प्रक्रिया के अनुसार उत्तर प्रदेश नगर योजना
और विकास (विकास शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2021 को अंगीकृत किया जाएगा। नियमावली के सम्बन्ध में होने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों का निराकरण करने के उद्देश्य से तत्सम्बन्धी निर्णय लेने के लिए विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।
उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास (विकास शुल्क का निर्धारण, उद्ग्रहण एवं संग्रहण) नियमावली, 2014 में विकास क्षेत्रों की उनकी भौतिक स्थिति, जनसंख्या के आकार, आर्थिक विकास के स्तर, भूमि सम्पत्ति की कीमतों के दृष्टिगत 05 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया था।
इस नियमावली के अन्तर्गत विकास शुल्क की दरें मुख्य नगरों को दृष्टिगत रखते हुए निर्धारित की गई थी, जो उसी विकास क्षेत्र में स्थित अन्य छोटे नगरों, जो कम विकसित हैं एवं जिनकी आर्थिक क्षमता कम है, पर भी समान रूप से लागू है।
इन उपनगरों में विकास का स्तर न्यून होने के साथ-साथ नागरिकों की देय-क्षमता अपेक्षाकृत कम है। इस कारण ऐसे विकास क्षेत्र जहां एक से अधिक नगर शामिल हैं, यहां मुख्य नगर के सन्दर्भ में निर्धारित विकास शुल्क की दरों से उपनगरों के निवासियों
तथा विकास प्राधिकरण दोनों को कठिनाई हो रही है। इसके दृष्टिगत छोटे नगरों/उपनगरों के लिए विकास शुल्क की दरों को युक्तियुक्त किया गया है।
इसके अन्तर्गत गाजियाबाद विकास क्षेत्र में लोनी, मोदीनगर एवं मुरादनगर, कानपुर विकास क्षेत्र के अन्तर्गत अकबरपुर माती एवं बिठूर, आगरा विकास क्षेत्र के अन्तर्गत फतेहपुर-सीकरी, वाराणसी विकास क्षेत्र के अन्तर्गत पं0 दीनदयाल उपाध्याय नगर,
बुलन्दशहर विकास क्षेत्र के अन्तर्गत जहांगीराबाद एवं शिकारपुर हापुड़-पिलखुवा विकास क्षेत्र के अन्तर्गत गढ़मुक्तेश्वर, मथुरा-वृन्दावन विकास क्षेत्र के अन्तर्गत कोसीकला-छाता-चैमुहा-नन्दगांव तथा गोवर्धन-राधाकुण्ड का विकास शुल्क कम/युक्तियुक्त किया गया है।
बरेली को श्रेणी-3 में तथा मुजफ्फरनगर (शामली एवं खतौली नगरों सहित), फिरोजाबाद-शिकोहाबाद व उन्नाव-शुक्लागंज विकास क्षेत्रों को उनकी जनसंख्या आकार एवं ग्रोथ पोटेंशियल को दृष्टिगत रखते हुए श्रेणी-5 से श्रेणी-4 में उच्चीकृत किया गया है।
विकास शुल्क की दरों में एकरूपता और पारदर्शिता रखने हेतु प्राधिकरणों द्वारा अपने स्तर पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष के 15 फरवरी तक गत वर्ष के काॅस्ट इन्फ्लेशन इण्डेक्स के आधार पर पुनरीक्षित किया जाएगा और प्राधिकरण बोर्ड का अनुमोदन प्राप्त कर 01 अप्रैल से लागू किया जाएगा। जिन प्रकरणों में मानचित्र स्वीकृत होकर मांग पत्र जारी हो चुके हैं।
ऐसे प्रकरणों में विकास शुल्क की वसूली मांग-पत्र के अनुसार ही की जाएगी, जबकि संशोधित नियमावली जारी होने के उपरान्त प्रस्तुत आवेदनों तथा प्राधिकरणों में स्वीकृति हेतु विचाराधीन/प्रक्रियान्तर्गत प्रकरणों में संशोधित नियमावली के प्राविधान लागू होंगे।
निर्मित क्षेत्र एवं विकसित क्षेत्र के अन्तर्गत ऐसे पार्क एवं खुले स्थल/हरित क्षेत्र/क्रीड़ा स्थल, जिनका क्षेत्रफल 10 हेक्टेयर या अधिक हो, में कुल तल क्षेत्रफल के आधार पर विकास शुल्क देय होगा। 01 हेक्टेयर से बडे़ भूखण्ड हेतु विकास शुल्क का भुगतान किस्तों में किया जा सकेगा।