दिल्ली हिंसा मामले में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी, उपद्रवियों के खिलाफ 12 FIR दर्ज
दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के अब तक 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ ने दिल्ली पुलिस के हवाले से इसकी जानकारी दी है। वहीं हिंसा मामले में पुलिस ने 12 FIR दर्ज की है। इनमें से पांच एफआइआर पूर्वी दिल्ली में दर्ज की गई है। जागरण संवाददाता को पुलिस सूत्रों ने अब तक 12 एफआइआर दर्ज होने की पुष्टि की है। किसी उपद्रव को रोकने के लिए दिल्ली में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। जहां पर किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा लाल किला पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यहां पर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
बता दें कि ट्रैक्टर परेड के दौरान उपद्रवियों ने मंगलवार को जमकर उत्पात मचाया। उपद्रवियों के हमले में 300 से ज्याद पुलिसकर्मी घायल हो गए जिनमें से 26 की हालत गंभीर है। इन्हेंअस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
अब और अराजकता बर्दाश्त नहीं करेगी पुलिस
वहीं, मंगलवार की घटनाओं में कई स्थानों पर पत्थरबाजी के सामने पुलिस पीछे हटती दिखी थी। केंद्रीय गृह मंत्री के साथ अधिकारियों की बैठक के बाद संकेत मिले हैं कि मंगलवार को जरूरत से ज्यादा संयम दिखा चुकी पुलिस अब अराजकता बर्दाश्त नहीं करेगी। उधर, कई किसान संगठनों और नेताओं की पृष्ठभूमि पर पहले ही संदेह जता रही खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट पर कार्रवाई भी हो सकती है। खुफिया एजेंसी को अब भी हिंसा की आशंका है।
अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात
ट्रैक्टर रैली के दौरान उपद्रवियों द्वारा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के बाद पुलिस ने कमर कस ली है। राजधानी में अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसमें 10 कंपनी सीआरपीएफ जबकि पांच कंपनी सीआइएसएफ व अन्य बलों के जवानों की तैनाती की गई है। इसमें करीब 15 सौ जवान राजधानी में शांति व कानून व्यवस्था बनाएंगे।
32 बसों में तोड़फोड़ शीशे और लाइटें तोड़ीं
वहीं, दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान 32 से अधिक बसें उपद्रव की भेंट चढ़ गई हैं। इन बसों के शीशे और लाइटें तोड़ दी गई हैं। इसके अंदर अन्य नुकसान भी पहुंचाया गया है। इनमें डीटीसी और क्लस्टर सेवा की बसे शामिल हैं। कुछ स्थानों पर बसों की हवा निकालने की भी कोशिश की गई है। कुछ बसें पुलिस फोर्स को ले जाने के लिए भी लगी थीं। इनमें पांच बसें आइटीओ के आसपास ही तोड़ दी गईं।