लखनऊ मेट्रो ने पकड़ ली धीरे-धीरे अब रफ्तार
कोविड-19 के बाद फिर से शुरू हुई लखनऊ मेट्रो अब धीरे-धीरे रफ्तार पकडऩे लगी है। लखनऊ मेट्रो से उसके लगभग 50 फीसद यात्री दोबारा जुड़ गए हैं। अब मेट्रो को लविवि, कॉलेज, कोचिंग सेंटर, व अन्य संस्थानों के खुलने का इंतजार है।
जिसके बाद मेट्रो को अपना पूरा ट्राफिक वापस मिल सकेगा। लखनऊ मेट्रो में मार्च 2020 में कोरोना से पहले प्रतिदिन औसतन 72 हजार यात्री चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से मुंंशीपुलिया तक सफर करते थे।
कोरोना में लॉक डाउन के बाद लखनऊ मेट्रो भी बंद हो गई थी। इसे सात सिंतबर 2020 को लॉकडाउन हटने के बाद फिर से शुरू किया गया। तब सात हजार के करीब यात्रियों ने मेट्रो में सफर किया था।
वहीं 12 सितंबर को यह राइडरशिप बढ़कर 9667 हो गयी। दो दिन बाद ही 14 सितंबर को लखनऊ मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़कर 11500 हो गयी। लखनऊ मेट्रो तेजी से राइडरशिप रिकवरी वाली मेट्रो बन गयी है।
हालांकि अब भी उसे अपना 50 प्रतिशत ट्राफिक वापस पाना एक बड़ी चुनौती है। यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव बताते हैं कि यह देश के अन्य शहरों की मेट्रो सेवाओं की तुलना में सबसे तेज राइडरशिप रिकवरी भी है।
दूसरे शहरों खासकर दिल्ली मेट्रो की राइडरशिप जहां देश में सर्वाधिक रही है। वो अपनी पूर्व की राइडरशिप का 30.35 फीसद ही हासिल कर सकी है। इसी तरह बेंगलुरु मेट्रो, कोच्चि मेट्रो, हैदराबाद मेट्रो,
जयपुर मेट्रो समेत लगभग सभी मेट्रो ट्रेन अभी तक अपनी पूर्व की अधिकतम राइडरशिप का 20.30 फीसद ही हासिल कर पायी हैं। कोविड-19 के दौरान लखनऊ मेट्रो परिचालन में सैनिटाइजेशन, साफ सफाई, बिना संपर्क यात्रा, सामाजिक दूरी के साथ सुरक्षित यात्रा करा रही है।
तिथि यात्रियों की संख्या
सात सितंबर 7189
14 सितंबर 11450
21 सितंबर 12862
28 सितंबर 15470
पांच अक्टूबर 17013
23 नवंबर 26471
14 दिसंबर 31000