लोकतंत्र की गरिमा की रक्षा करती है एक सशक्त और समर्थ विधायिका : सीएम योगी
उत्तर प्रदेश विधान मंडल में उच्च सदन यानी विधान परिषद के 11 सदस्यों का कार्यकाल को समाप्त हो गया। इस दौरान विधान भवन में विदाई समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। इस अवसर पर समारोह को उन्होंने संबोधित भी किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधायिका के शक्तिशाली होने और उसे समर्थ बनाने में सबसे बड़ी भूमिका वहां पर आने वाले सदस्यों की है। माननीय संदस्यों के संवाद से इसको काफी ताकत मिलती है। वह अपने संवाद को माध्यम बनाकर अपनी बातों को सहजता के साथ सरलता के साथ अपनी बातों को सदन में रखते हैं, यह काफी मायने रखता है। अगर हमें लोकतंत्र की गरिमा की रक्षा करनी है तो हमें विधायिका की गरिमा की रक्षा करनी पड़ेगी। लोकतंत्र का आधार हमारी विधायिका है, एक सशक्त और समर्थ विधायिका लोकतंत्र की जड़ों को शक्तिशाली बनाती है।
उन्होंने कहा कि इस उच्च सदन ने सदैव विधायिका के लिए एक सुनिश्चित मापदंड तय कर रखे हैं। यही कारण था कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद को पंडित मदन मोहन मालवीय, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित गोविंद वल्लभ पंत, सर तेज बहादुर सप्रू तथा प्रख्यात कवियत्री महादेवी वर्मा जैसी विभूतियों ने सुशोभित किया। इस सदन के माध्यम से ही उन्होंने देश के सामने उत्तर प्रदेश की विधायिका, विधान मंडल तथा विधान परिषद की गरिमा को एक नई ऊंचाई दी थी।
उन्होंने कहा कि यह स्वाभिक रूप से है कि यह स्भाविक रूप से है कि जो व्यक्ति किसी कार्यस्थल पर आया है, वह तो जाएगा ही। आने तथा जाने का क्रम तो लगा ही रहता है। इस बीच में हमको कार्य करने का जो मौका तथा समय मिलता है, उसमें हम अपने दायित्वों तथा कर्तव्यों का किस तरह से निवर्हन करते हैं, यह अधिक मायने रखता है। हम अपने काम से ही लम्बे समय तक जाने जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधान भवन में शुक्रवार को विधान परिषद के 11 सदस्यों के विदाई समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। इन सभी का 11 सदस्यों का कार्यक्रम 30 जनवरी को समाप्त हो रहा है। विदाई कार्यक्रम विधानभवन के तिलक हॉल में हुआ। विधान परिषद के जिन सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को समाप्त हो रहा है, उनमें परिषद के सभापति रमेश यादव, भाजपा के डॉ.दिनेश शर्मा, स्वतंत्र देव ङ्क्षसह व लक्ष्मण आचार्य, समाजवादी पार्टी के अहमद हसन, आशु मलिक, राम जतन राजभर, वीरेंद्र ङ्क्षसह, साहब ङ्क्षसह सैनी तथा बहुजन समाज पार्टी के धर्मवीर ङ्क्षसह अशोक व प्रदीप कुमार जाटव शामिल थे। बसपा से सदस्य रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सदस्यता समाप्त की जा चुकी है।