देश के सामने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे किया पेश
शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के सामने आर्थिक सर्वे पेश किया. बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण में मोदी सरकार के कामकाज की तारीफ की.
बजट से पहले पेश होने वाला इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण कई मायने में खास है. कोरोना वायरस महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा था. सर्वे में अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई ऐसी जानकारियां व आंकड़े हैं, जिन पर कई लोगों की निगाहें हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें.
1. आर्थिक सर्वेक्षण का कवर पेज- आर्थिक सर्वेक्षण का कवर पेज भी बेहद खास है. इसमें चार लोगों के बीच देश का नक्शा बना हुआ है. कवर पेज पर दो तराजू भी दिखाए गए हैं. एक तराजू को रिस्क यानी कि आपदा के रूप में दिखाया गया है तो दूसरी तराजू को अपॉरचुनिटी यानी कि अवसर के रूप में दिखाया गया है. इस तराजू में अवसर का का पलड़ा भारी है. इससे सरकार ने संकेत दिया है कि आपदा में भी अवसर को भलीभांति भुनाया गया है. कवर पेज पर दिखाया गया है कि आपदा में पड़ी अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और जिंदगी को रिफॉर्म्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, आत्मनिर्भर भारत और वैक्सीन ने पूरी तरह से उबार लिया है.
2. 2021 में आर्थिक ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी से सिकुड़ने का अनुमान- आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2021 में आर्थिक ग्रोथ रेट के 7.8 फीसदी से सिकुड़ने का अनुमान है. अर्थव्यवस्था में वी शेप्ड रिकवरी का अनुमान है. इसमें अर्थव्यवस्था जितनी तेजी से लुढ़कती है, उतनी ही तेजी से उबरती है. सरकार के प्रोत्साहन और नीतियों से मांग तेजी से बढ़ती है. इनकम और आउटपुट बढ़ता है, मांग बढ़ती और लोग ज्यादा खर्च करते हैं. कंपनियां अपनी क्षमता का विस्तार करती हैं और ज्यादा लोगों को नौकरी देती हैं.
3. 2022 के लिए आर्थिक ग्रोथ 11 फीसदी का अनुमान- इस बार के आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2022 के लिए आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 11 फीसदी पर रखा गया है. वित्त वर्ष 2022 के लिए नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 15.4 फीसदी पर रखा गया है. साथ ही, 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान दिया गया है.
4. निवेश को मिलेगा बढ़ावा- इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि निवेश बढ़ाने वाले कदमों पर जोर रहेगा. ब्याज दर कम होने से बिजनेस एक्टिविटी बढ़ेगी. इसमें बताया गया कि कोरोना वैक्सीन से महामारी पर काबू पाना संभव है और आगे इकोनॉमिक रिकवरी के लिए ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है.
5. सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बनाया जाएगा पारदर्शी- सर्वेक्षण में लिखा गया, ‘भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग्स फंडामेन्टल्स के बारे में जानकारी नहीं देते हैं. इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को BBB- की रेटिंग मिली हो. भारत की वित्तीय नीति का फंडामेंटल मजबूत है. भारत का फॉरेक्स रिज़र्व 2.8 स्टैंडर्ड डिविएशन को कवर करने में सक्षम है. यह महत्वपूर्ण है कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग मेथोडोलॉजी को पारदर्शी बनाया जाएगा.