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किसानों का प्रदर्शन: NH-9, NH 24 और गाजीपुर बॉर्डर बंद, यूपी गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात

नए कृषि कानून के खिलाफ सिंघु बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन लगातार 67वें दिन भी जारी है। यूपी गेट, सिंघु बार्डर और टीकरी बार्डर पर प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर जमे हुए हैं। वहीं, 26 जनवरी को हुई घटना और शुक्रवार को सिंघु बार्डर पर हुई हिंसा के बाद टीकरी बार्डर की भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। रैपिड एक्शन फोर्स, बीएसएफ के अलावा पुलिसकर्मियों की भारी संख्या तैनाती की गई है, वहीं आंदोलन स्थल से करीब ढाई सौ मीटर की दूरी तक दिल्ली के इलाके में 19 जगहों पर अवरोधक बनाए गए हैं, जिससे कि विपरीत परिस्थिति के दौरान सुरक्षाबल मोर्चा संभालने में सक्षम हो सकें।

स्थानीय लोगों को मिल रहीं धमकियां

सिंघु बार्डर को खुलवाने की मांग को लेकर मुखर हो रहे स्थानीय लोगों धमकियां दी जा रहीं हैं। ताजपुर कलां गांव के अजय वशिष्ठ ने बताया कि उन्हें शुक्रवार की शाम से लगातार कनाडा, मलेशिया सहित कई देशों से फोन कर जान से मारने की धमकी दी गई।

प्रदर्शनकारियों ने किया था ग्रामीणों के ऊपर पथराव

सिंघु बार्डर पर शुक्रवार को कृषि कानून के विरोध में बैठे प्रदर्शनकारियों ने ग्रामीणों पर पथराव किया था जिसके जवाब में ग्रामीणों ने भी पथराव किया। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने तलवार से अलीपुर थाने के एसएचओ प्रदीप पालीवाल को घायल कर दिया था। उनको शनिवार को शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

कई तरह के हैं अवरोधक

आंदोलन स्थल के बाद पहला अवरोधक कंक्रीट के ढांचे का लगाया गया है। इस ढांचे के बीच में पत्थर व मिट्टी को भर दिया गया है, जिससे कि ट्रैक्टर से इसे हटाया नहीं जा सके। यहां पर 24 घंटे सुरक्षाबलों की तैनाती रहती है। इसके बाद कंक्रीट के ढांचे का दूसरा अवरोधक बनाया गया है। यहां भी 24 घंटे सुरक्षाबलों को तैनात रखा गया है। मतलब दो अवरोधक पर हर समय सुरक्षाबल तैनात रहते हैं। इसके अलावा अवरोधक के लिए बैरिकेडिंग, बड़े-बड़े कंटेनर ले जाने वाले ट्राले का इस्तेमाल किया गया है।

इन अवरोधकों के बीच सिर्फ इतना ही रास्ता रखा गया है कि पुलिस के वाहन आ-जा सकें, वहीं टीकरी बार्डर मेट्रो स्टेशन के नीचे लगे बैरिकेड पर हर समय दस से 12 सुरक्षाकर्मियों को तैनात रखा जाता है। वहां से किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं है। अगर स्थानीय लोग अपने घर जाने के लिए आते हैं तो उनकी पूरी जांच होने के बाद ही अंदर भेजा जाता है।

कालोनियों में भी पुलिस का पहरा

आंदोलन स्थल के आसपास कालोनियों में पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है। हर गली के मोड़ पर बैरिकेड व पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। कुल मिलाकर सुरक्षा व्यवस्था ऐसी है कि कोई भी उपद्रवी पुलिस से बचकर नहीं निकल सकता है।

शुक्रवार के मुकाबले प्रदर्शनकारियों की संख्या ज्यादा

शुक्रवार को टीकरी बार्डर पर प्रदर्शनकारी बेहद कम नजर आ रहे थे, लेकिन शनिवार को इनकी संख्या काफी ज्यादा नजर आई। मंच पर नेताओं की भाषणबाजी का दौर पूरे दिन चलता रहा, वहीं मंच के सामने बैठे प्रदर्शनकारियों की संख्या भी ज्यादा थी। प्रदर्शनकारी तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे थे।

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