राष्ट्रीय जनता दल नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हिटलर व मुसोलिनी की संज्ञा दी है। उन्होंने बीते कुछ दिनों के दौरान मुख्यमंत्री पर लगातार हमले किए हैं।
धरना-प्रदर्शन किया तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी
तेजस्वी यादव ने अपने ताजा ट्वीट में लिखा है कि मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने वालों को नौकरी नहीं देने का फैसला किया है। मतलब यह है कि वे अपने खिलाफ विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे। जो भी ऐसा करेगा, उसे नौकरी नहीं दी जाएगी। ट्वीट में तेजस्वी ने तंज भरा सवाल किया है कि बेचारे 40 सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है?
चरित्र प्रमाण पत्र को ले पुलिस मुख्यालय ने जारी किया पत्र
विदित हो कि बिहार पुलिस मुख्यालय के एक पत्र में लिखा है कि यदि कोई व्यक्ति विरोध-प्रदर्शन व सड़क जाम के मामलों में संलिप्त होता है तथा उसके खिलाफ पुलिस आरोप पत्र दाखिल करती है तो इस बात की स्पष्ट प्रविष्टि उसके चरित्र प्रमाण पत्र में की जाए। ऐसे व्यथ्कतयों को सरकारी नौकरियां व सरकारी ठेके नहीं दिए जाएंगे। तेजस्वी का ट्वीट सरकार के इसी पत्र को लेकर है। उन्होंने अपने ट्वीट में पत्र को भी दिया है।
रोजगार के मुद्दे पर नीतीश को लगातार घेर रहे तेजस्वी
तेजस्वी के इस ट्वीट के मायने हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में रोजगार (Employment) बड़ा मुद्दा बनकर उभरा था। तेजस्वी ने युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरियां देने का बादा कर यह मुद्दा उछाला। फिर, सभी पार्टियों ने रोजगार को मुद्दा बनाया। अब तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को रोजगार के मुद्दे पर घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। राज्य सरकार के पत्र के बहाने तेजस्वी का ट्वीट इसी की कड़ी है।