मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य सरकार यह योजना संचालित करने जा रही है। इस योजना का शुभारम्भ बसंत पंचमी के पावन पर्व पर 16 फरवरी, 2021 को किया जाएगा। इसके दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध ढंग से सुनिश्चित की जाएं।
मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी द्वारा एक शासनादेश जारी करते हुए समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ के संचालन के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। शासनादेश के अनुसार बसंत पंचमी के पावन अवसर पर (16 फरवरी, 2021) ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ के अन्तर्गत प्रदेश के प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर एक निःशुल्क प्रशिक्षण केन्द्र सम्बन्धित मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है, जिसे अगले चरण में प्रत्येक जनपद पर भी स्थापित किया जाएगा।
प्रत्येक मण्डल मुख्यालय में मण्डलायुक्त की देख-रेख में मण्डलीय मार्गदर्शन एवं परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र सभी संवर्गों हेतु संचालित किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उच्च स्तरीय मार्गदर्शन तथा परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है। इसके अन्तर्गत संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाएं, उ0प्र0 लोक सेवा आयोग/अधीनस्थ सेवा चयन आयोग/अन्य भर्ती बोर्ड/संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षाएं आदि, एन0टी0ए0 द्वारा आयोजित जे0ई0ई0 (मेन्स) एवं नीट की परीक्षाएं, एन0डी0ए0, सी0डी0एस0, अन्य सैन्य सेवाएं, अर्द्धसैनिक/केन्द्रीय पुलिस बल की भर्ती सम्बन्धी, बैंकिंग पी0ओ0/एस0एस0सी0/बी0एड0/टी0ई0टी
राज्य स्तरीय/मण्डल स्तरीय समिति के माध्यम से ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ का क्रियान्वयन किया जाएगा। राज्य स्तरीय समिति हेतु उ0प्र0 प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी (उपाम) को नोडल संस्था तथा समाज कल्याण विभाग को नोडल विभाग नामित किया गया है। मण्डल स्तरीय समिति हेतु नोडल अधिकारी का चयन मण्डलायुक्त द्वारा किया जाएगा। राज्य सरकार में कार्यरत आई0ए0एस0, आई0पी0एस0, भारतीय वन सेवा, पी0सी0एस0, पी0पी0एस0 संवर्ग एवं अन्य संवर्ग के अधिकारियों/सेवानिवृत्त अधिकारियों, विषयवस्तु विशेषज्ञों के द्वारा संघ लोक सेवा आयोग/राज्य लोक सेवा आयोग आदि के प्रतियोगी छात्रों के लिए राज्य स्तर/मण्डल स्तर पर साक्षात/वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से निःशुल्क मार्गदर्शन एवं शिक्षण प्रदान किया जाएगा।
राज्य स्तर पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बन्धित डिजिटल कन्टेण्ट उपलब्ध कराने हेतु एक ई-लर्निंग प्लेटफार्म की व्यवस्था एवं इसके माध्यम से वर्चुअल कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा।
मण्डलीय मुख्यालय पर विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा वर्चुअल, साक्षात कक्षाओं एवं युवाओं हेतु कैरियर काउंसलिंग सत्रों का आयोजन किया जाएगा। राज्य स्तरीय समिति/मण्डल स्तरीय समिति/उपाम के प्रवक्ताओं के द्वारा व्याख्यान/लेक्चर को फेसबुक पेज तथा यूट्यूूब चैनल के माध्यम से प्रसारित भी किया जाएगा। इसके लिए एक फेसबुक पेज तथा यूट्यूब चैनल भी स्थापित किया जाएगा। यह सुविधा मोबाइल फोन पर भी उपलब्ध होगी। इस हेतु पोर्टल का एक मोबाइल एप भी विकसित किया जाएगा, जो निःशुल्क उपलब्ध रहेगा।
इस योजना हेतु उ0प्र0 प्रशासन एवं प्रबन्धन अकादमी (उपाम) सचिवालय के रूप में कार्य करेगी। इस कार्यक्रम के सफल संचालन की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उपाम की होगी। इस योजना के संचालन हेतु बनाए गए पोर्टल, एप तथा अन्य सॉफ्टवेयर तथा समाज कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए हार्डवेयर का वार्षिक रख-रखाव तथा संचालन उपाम द्वारा किया जाएगा। इस हेतु समुचित बजट व्यवस्था समाज कल्याण विभाग द्वारा की जाएगी।
शासनादेश के अनुसार राज्य स्तर पर सूचना विभाग द्वारा राज्य स्तरीय समिति के सहयोग से ई-लर्निंग कन्टेण्ट प्लेटफार्म एक पोर्टल के रूप में बनाया जाएगा, जिसे अभ्यर्थियों/उपाम तथा मण्डल मुख्यालयों में कोर्स को-ऑर्डिनेटर को भी उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्लेटफार्म पर विभिन्न अधिकारियों द्वारा परीक्षा की तैयारी सम्बन्धी अपने अनुभव साझा करते हुए वीडियो भी अपलोड किए जाएंगे। उपाम द्वारा भी इस पोर्टल पर परीक्षा की तैयारी से सम्बन्धित टिप्स सामग्री, पुस्तकों इत्यादि सम्बन्धी मार्गदर्शन देते हुए वीडियो अपलोड किया जाएगा। इसके अलावा, लाइव सेशन एवं वेबिनार भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें अधिकारियों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा।
इस प्लेटफार्म पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बन्धित विषय वस्तु सामग्री एवं क्यूरेटेड कन्टेण्ट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए ख्याति प्राप्त संस्थाओं की सामग्री, अनुबन्ध के माध्यम से प्राप्त की जाएगी एवं विशेषज्ञों द्वारा नए वीडियो बनाने एवं अपलोड करने की कार्यवाही की जाएगी। यह समस्त कार्यवाही राज्य स्तरीय/मण्डल स्तरीय समिति के माध्यम से उपाम द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। सभी सरकारी विभाग/संस्थानों के ई-लर्निंग एप तथा डिजिटल लाइब्रेरी के लिंक पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव समाज कल्याण विभाग की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति के निर्देशन में ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ का संचालन/पर्यवेक्षण किया जाएगा। इस समिति में श्री रंजन कुमार मण्डलायुक्त लखनऊ, श्रीमती लक्ष्मी सिंह पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ परिक्षेत्र, निदेशक सूचना, तकनीकी विशेषज्ञ (निदेशक एन0आई0सी0 द्वारा नामित अधिकारी) सदस्य होंगे। उपाम द्वारा नामित सदस्य (अपर निदेशक स्तर) समिति के संयोजक होंगे।
यह समिति कन्टेण्ट तथा पठन-पाठन सामग्री इत्यादि हेतु अपनी आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों को आमंत्रित कर सकेगी। समिति द्वारा शिक्षण कैलेण्डर बनाना और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बन्धित सामग्री (सभी माध्यम में यथा-वीडियो आदि) तैयार करने का कार्य भी किया जाएगा। इस सम्बन्ध में ख्याति प्राप्त कोचिंग संस्थानों, अन्य संस्थाओं से भी अनुबन्ध के आधार पर सामग्री प्राप्त की जा सकेगी। वीडियो व अन्य सामग्री को पोर्टल पर अपलोड करने से पहले स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक विषय हेतु विषय विशेषज्ञों की भी सहायता ली जाएगी। विषय से सम्बन्धित विशेषज्ञों को 1000 रुपए प्रति बैठक की दर से मानदेय दिया जाएगा। यह समिति कार्यक्रम के संचालन हेतु जिम्मेदार होगी। समिति द्वारा दिन-प्रतिदिन की कार्यवाही का समन्वय भी किया जाएगा।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों की सहायता के लिए मण्डल स्तर पर वर्चुअल एवं साक्षात कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए सम्बन्धित मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति/टास्कफोर्स गठित की जाएगी, जो राज्य सरकार के अधिकारियों एवं अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों तथा एक पूर्ण कालिक शिक्षक/समन्वयक की सहायता से कक्षाओं का रोस्टर तैयार करेगी। मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डल स्तरीय मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें मण्डल मुख्यालय पर कार्यरत अधिकारी सम्मिलित होंगे। मण्डलायुक्त अन्य सम्बन्धित जनपदों के अधिकारियों को भी समिति की बैठक में आमंत्रित कर सकेंगे। प्रत्येक सत्र में मण्डल स्तरीय समिति की कम से कम 5 बैठकें आयोजित की जाएंगी तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम का समय-समय पर अनुश्रवण भी किया जाएगा।
इन कक्षाओं में प्रतिभाग करने के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों द्वारा राज्य स्तरीय लर्निंग प्लेटफार्म पर पंजीकरण कराया जाएगा। पंजीकृत छात्रों को कक्षाओं की समय-सारणी एवं वर्चुअल कलासेज की लिंक उपलब्ध करायी जाएगी। साक्षात कक्षा तथा वर्चुअल कक्षा प्रतिदिन आयोजित की जाएगी तथा ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध होगी। केन्द्र द्वारा भी विषय सामग्री राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदन उपरान्त वर्चुअल प्लेटफार्म पर अपलोड की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त ई-लर्निंग प्लेटफार्म द्वारा प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं एवं प्रश्नों को भेजने की सुविधा दी जाएगी। ऐसे छात्रों की मण्डलवार सूची तैयार कर सम्बन्धित मण्डलायुक्त सभी से व्यक्तिगत/समूहों में सम्पर्क कर, उन्हें मार्गदर्शन एवं उचित सलाह प्रदान करेंगे।
प्रत्येक मण्डल स्तर पर होने वाली साक्षात कक्षाओं का प्रसारण ऑनलाइन लिंक के माध्यम से कराया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा प्रतिभागी लाभान्वित हो सकें। मण्डल स्तर पर वर्चुअल कक्षाओं हेतु आवश्यक आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था सम्बन्धित मण्डलायुक्त की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा की जाएगी। मण्डलायुक्त द्वारा इस कार्यक्रम के संचालन हेतु कोई भी राजकीय अथवा राज्य से अनुदानित स्वयंसेवी संस्था, निगम, आयोग इत्यादि के भवन व सुविधा निःशुल्क अधिग्रहीत की जा सकेगी। कक्षाओं हेतु सुबह या शाम को भवन खाली रहने पर उपयोग किया जा सकता है।
मेधावी छात्रों के चयन के लिए प्रत्येक वर्ष में एक बार उपाम द्वारा निर्धारित तिथि के अनुसार सम्बन्धित कोर्स में प्रतिभाग से पूर्व समस्त अभ्यर्थियों की आवश्यकतानुसार एक पात्रता परीक्षा आयोजित/चयन प्रकिया निर्धारित की जाएगी। इस प्रक्रिया के आधार पर चयनित अभ्यर्थियों का चयन प्रत्येक मण्डल स्तर पर ऑफलाइन क्लासेज (क्लास रूम प्रशिक्षण) के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा।
चयनित छात्रों के मार्गदर्शन हेतु कक्षाओं में विषय विशेषज्ञों की सहायता भी उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए राज्य/मण्डल स्तर पर स्थित विश्वविद्यालयों, विभिन्न विषयों के संस्थानों, महाविद्यालयों से वस्तु विषय विशेषज्ञों को इम्पैनल किया जाएगा तथा उनके माध्यम से साक्षात कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। साथ-साथ राज्य स्तरीय ई-लर्निंग प्लेटफार्म के माध्यम से भी उच्च कोटि के विषय विशेषज्ञों की वर्चुअल कक्षाएं आयोजित करायी जाएंगी।
मण्डलीय समिति द्वारा प्रत्येक जिले में कार्यरत अधिकारियों का एक पैनल बनाया जाएगा एवं इस पैनल द्वारा मार्गदर्शन और शिक्षण कार्य किया जाएगा। आई0ए0एस0, आई0पी0एस0, आई0एफ0एस0, पी0सी0एस0 तथा राज्य स्तरीय अधिकारियों को अभ्यर्थियों की मेंटरशिप का कार्य करना होगा। उनके समर्पित भाव से किए गए कार्य हेतु वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि में ‘विशिष्ट प्रविष्टि’ दर्ज की जाएगी।
प्रशिक्षु आई0ए0एस0/आई0पी0एस0/भारतीय वन सेवा/पी0सी0एस0 एवं अन्य राज्य स्तरीय सेवाओं के अधिकारियों द्वारा आवश्यक रूप से इन अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन किया जाएगा तथा कक्षाएं ली जाएंगी तथा इसे उनके द्वारा एकेडमी में होने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। योजना के प्रचार-प्रसार का कार्य सूचना विभाग/समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के सम्बन्धित मदों से किया जाएगा।
प्रशिक्षण केन्द्रों में अध्यापन कार्य हेतु योग्य, अनुभवी एवं प्रोफेशनल व्याख्याताओं की सेवाएं अतिथि व्याख्याता के रूप में ली जाएगी। व्याख्यान के लिए आमंत्रित किए जाने वाले विषय विशेषज्ञों/वार्ताकारों/व्याख्
समस्त प्रशिक्षण केन्द्रों में कोर्स को-ऑर्डिनेटर द्वारा प्रशिक्षण सत्रों के सफल संचालन हेतु कार्ययोजना तैयार करते हुए व्याख्यान आयोजित कराने, अतिथि प्रवक्ताओं की व्यवस्था करने, शिक्षण सत्रों के दौरान अभ्यर्थियों के लिए टेस्ट एवं फीडबैक आयोजित कराने तथा प्रशिक्षण सम्बन्धी अन्य कार्यों का सम्पादन किया जाएगा। इस कार्य के लिए ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा, जो सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण हों। सिविल सेवा मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी न मिलने की स्थिति में पी0सी0एस0 मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी का चयन किया जाएगा।
इस योजना हेतु वित्त की व्यवस्था उपाम/मण्डल स्तरीय समिति द्वारा धन की मांग प्रस्तुत करने पर समाज कल्याण विभाग द्वारा सुसंगत लेखा शीर्षकों के अन्तर्गत की जाएगी। योजना के संचालन हेतु भविष्य में एक स्वायत्त संस्था के गठन व सोसायटी के रूप में पंजीकरण कर एक एस0वी0पी0 स्थापित किया जाएगा।
प्रदेश के प्रतिभावान युवा पूर्ण विश्वास तथा तैयारी के साथ, संसाधनों की परवाह न करते हुए इन प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले सकें, इसके लिए यह योजना प्रारम्भ की जा रही है। शासन के संज्ञान में आया कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रशिक्षण व्यवस्थाओं में संसाधनों की कमी है। इसके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्र तथा निर्बल आय के परिवारों के बच्चे प्रतिभावान, मेधावी, लगनशील एवं परिश्रमी होते हुए भी इन परीक्षाओं की गुणवत्तापरक तैयारी नहीं कर पाते। इससे इनकी प्रतिभा का समुचित निखार नहीं हो पाता तथा समाज भी इनकी सेवाओं से वंचित रह जाता है। प्रदेश के सभी युवाओं के मार्गदर्शन के लिए राजकीय क्षेत्र में भी परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना की आवश्यकता प्रतीत हुई, जिससे प्रदेश के प्रतिभावान युवा पूर्ण विश्वास व तैयारी के साथ, संसाधनों की अनुपलब्धता की चिन्ता किए बगैर, इन प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले सकें। इसके दृष्टिगत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु प्रतिभाशाली तथा उत्साही विद्यार्थियों को निःशुल्क साक्षात प्रशिक्षण/ऑनलाइन प्रशिक्षण/सलाह प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना’ संचालित की जाएगी।