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राष्ट्रीय गा्रम स्वराज अभियान से ग्राम पंचायतों के संस्थागत ढाॅचे में आ रही है मजबूती

प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के माध्यम से अन्तिम छोर पर खडे़ व्यक्ति को विकास के पहिये से जोड़ रही है।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान का उद्देश्य है कि ग्रामसभा की क्षमता व प्रभावशीलता में अभिवृद्धि, पंचायतों में आम जनता की भागीदारी को बढ़ावा, पंचायतों को लोकतांत्रिक रूप से निर्णय लेने एवं उत्तरदायित्व निभाने हेतु सक्षम बनाना है।

इसके साथ ही विभिन्न जानकारी एवं पंचायतों की क्षमता वृद्धि हेतु पंचायतों के संस्थागत ढाॅचे को मजबूत करना है। संविधान के 73वें संशोधन की भावना के अनुरूप अधिकारों एवं उत्तरदायित्वों को पंचायतों केा सुपुर्दगी, पंचायतीराज व्यवस्था के अन्तर्गत जनसहभागिता सुनिश्चित करने हेतु ग्रामसभाओं को सुदृढीकरण तथा संवैधानिक व्यवस्था को सशक्त बनाया जा रहा है।

प्रदेश में वर्ष 2018-19 से लागू राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के तहत अब तक 60 प्रतिशत धनराशि केन्द्र सरकार एवं 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकार की ओर से व्यय करते हुए विभिन्न कार्य कराये गये है। प्रदेश के सभी 75 जनपदांे में 318.14 करोड़ रू0 व्यय करते हुए 2498 पंचायत भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।

जिसमें 1052 पूर्ण व 1446 निर्माणाधीन है, जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन नही है, वहाॅ भवन निर्माण कराया जा रहा है। जिससे ग्राम पंचायतों के सम्बन्धित कर्मचारी, जनप्रतिनिधि को बैठकर गाॅव के विकास कार्यो के करने हेतुु सुविधा हो।

प्रदेश में बन रहे इन पंचायत भवनों के निर्माण में 33.93 लाख मानव दिवसों का सृजन करते हुए लोगों को रोजगार दिया गया है। बन रहे पंचायत भवनों में 17.46 लाख रू0 प्रति पंचायत भवन लागत की दर से धनराशि दी गई।

प्रदेश में 25 जनपदों में 50 करोड़ रूपये की लागत से जिला पंचायतों में रिसोर्स सेंटर की स्थापना की जा रही है। जिससे 8 सेंटर बन गये है। शेष निर्माणाधीन है जो शीघ्र पूर्ण हो जायेंगे। रिसोर्स सेंटरों के बनने से ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायत सदस्यों, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्यों सहित पंचायत विभाग से जुडे़ अधिकारियों, कर्मचारियों आदि को सरकार की विभिन्न योजनाओं नीतियों, कार्यक्रमों आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

प्रदेश में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत 24 जनपदों में 5 लाख प्रति सेन्टर की लागत से 26 पंचायत लर्निंग सेन्टर की स्थापना की गई है। इन पंचायत लर्निंग सेन्टरों पर ग्रामीण स्तर के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, कार्यक्रमों, पंचायतों के कार्यो, उत्तरदायित्वों, अधिकारों आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए उसे सशक्त और मजबूत बनाया जा रहा है। ग्रामीण स्तर के जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों, अधिकारियों के क्षमता संवर्धन मे भी तेजी लाई जा रही है।

उनके कार्यो को अधिक से अधिक पारदर्शी एवं डिजिटाइजेशन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिये गये है। ग्राम पंचायत विकास योजना के अन्तर्गत विभिन्न कार्यो, सरकार की नीतियों आदि को आम जनता में जागरूकता लाने हेतु 6.10 लाख ग्रामीण प्रतिनिधियों कर्मचारियों आदि को प्रशिक्षण दिया गया है।

गाॅवों में भी डिजिटल रूप में कार्य हो इस पर सरकार ग्राम पंचायतों को डिजिटली सशक्त बनाने के लिए लैपटाप दिये जाने की कार्यवाही कर रही है। प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए संस्थागत ढाॅचे के निर्माण सहित आम जनता को जागृत कर रही है।

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