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सिंघु बॉर्डर पर बुजुर्ग किसान की मौत, अस्पताल में चूहों ने कुतरा शव, स्वजनों का हंगामा

कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान कुंडली स्थित धरनास्थल पर एक और बुजुर्ग की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। स्वजन ने बुधवार देर रात उनका शव नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवाया। रात में शव को चूहों ने कुतर दिया। सुबह स्वजन और ग्रामीण अस्पताल में पहुंचे तो शव की बेकद्री देखकर हंगामा कर दिया। उन्होंने लापरवाही का आरोप लगाते हुए संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई मांग की।

मामले की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन व मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच का आश्वासन देकर लोगों को शांत कराया। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम करा स्वजन को सौंप दिया। गांव बैंयापुर के रहने वाले 70 वर्षीय राजेंद्र सरोहा चार दिन से कुंडली धरनास्थल पर मौजूद थे। इससे पहले भी वे धरनास्थल पर आते-जाते रहते थे। अब लगातार चार दिन से गांव रसोई के पास धरनास्थल पर मौजूद थे। वहां बुधवार देर रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस पर उन्हें जिला नागरिक अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद शव को शवगृह में फ्रीजर के अंदर रख दिया गया। स्वजन व ग्रामीण बृहस्पतिवार सुबह जब अस्पताल में पहुंचे तो उन्हें पता लगा कि राजेंद्र के शव को आंख व पैर के पास से चूहों ने कुतर दिया है। इस कारण खून बह रहा है, इस पर उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।

राजेंद्र के बेटे प्रदीप ने बताया कि रात को शव पर कोई निशान नहीं थे, लेकिन सुबह खून बहता मिला। यह सरासर अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही है। हंगामे के दौरान शवगृह में पहुंचे सिविल सर्जन डा. जसवंत पूनिया व प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयभगवान जाटान ने उन्हें जांच करवा कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण व स्वजन शांत हुए और शव को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले गए।

तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच

अस्पताल प्रबंधन ने तीन चिकित्सकों की टीमों से शव का पोस्टमार्टम करवाया है। इसके बाद शव को चूहों से कुतरने के मामले की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है।

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