अयोध्या : गर्भगृह स्थल की खोदाई के दौरान अभी तक केवल मलबा ही मिला, इंजीनियरो को नींव का काम शुरू करने के लिए प्राकृतिक मिट्टी का इंतजार
अयोध्या। राममंदिर की नींव खोदाई का काम रामजन्मभूमि परिसर में तेजी से चल रहा है। अब तक करीब नौ मीटर तक नींव की खोदाई हो चुकी है लेकिन इंजीनियरों को अभी तक राममंदिर की नींव के लिए अभी प्राकृतिक मिट्टी नहीं मिल पाई है। श्रीरामजन्मभूमि के गर्भगृह स्थल की खोदाई के दौरान अभी तक केवल मलबा ही मिला है। इंजीनियर नींव का काम शुरू करने के लिए प्राकृतिक मिट्टी का इंतजार कर रहे हैं।
बताते चलें कि राममंदिर की नींव खोदाई का काम शुरू हुए करीब एक माह बीत चुके हैं। नींव खोदाई के लिए पोकलैंड व जेसीबी सहित आधा दर्जन मशीनें लगाई गई हैं। राममंदिर के गर्भगृह स्थल से जो मिट्टी निकल रही है उसे सुरक्षित भी किया जा रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार रामजन्मभूमि के गर्भगृह स्थल के 400 फुट लंबा व 250 फुट चौड़े स्थान पर खोदाई का कार्य चल रहा है। कहीं सात, कहीं आठ तो कहीं नौ मीटर तक खोदाई हो चुकी है, लेकिन इंजीनियरों को अभी तक प्राकृतिक मिट्टी नहीं मिली है।
उम्मीद है कि 12 से 15 मीटर तक खोदाई कार्य पूरा होने तक प्राकृतिक मिट्टी मिल जाएगी। जहां से प्राकृतिक मिट्टी मिल जाएगी वहीं से नींव का काम शुरू कर दिया जाएगा। प्राकृतिक मिट्टी मिलने के बाद भी एनजीआरआई हैदराबाद की टीम मिट्टी की जांच करेगी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर नींव का काम होगा। उधर जब तक नींव की खोदाई चल रही है एलएंडटी व टाटा कसंल्टेंसी के इंजीनियर राममंदिर की नींव में लगने वाला मैटेरियल तैयार करने में जुटे हैं। डॉ. अनिल ने बताया कि राममंदिर सदियों तक सुरक्षित रहे ऐसा मैटेरियल तैयार किया जा रहा है जिसका काम शीघ्र पूरा हो जाएगा। मंदिर को जितना लंबा व चौड़ा बनना है, उतने हिस्से पर ठोस प्लेटफॉर्म रहेगा। हर दो-दो फीट पर रोल चलाया जाएगा। मार्च के अंत तक नींव को ऊपर उठाने का कार्य शुरू हो जाने की उम्मीद है।
राजस्थान के भरतपुर में स्थित बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थर को निकालने और फिर तराशने का काम करीब ढाई दशक पहले शुरू हुआ था। उस समय विहिप नेता अशोक सिंघल और आचार्य गिरिराज किशोर ने यहां आकर पत्थर का चयन किया था। तब से ही मंदिर निर्माण के लिए खानों से लाल पत्थर निकालने और तराशने का काम चल रहा है। विहिप सूत्रों की मानें तो वहां से हजारों टन पत्थर अयोध्या पहुंच चुका है। अब एक बार फिर पत्थर निकालने के काम में तेजी आई है। राम मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल के 70 पिलर और दीवारें बंशी पहाड़पुर के लाल पत्थर से ही तैयार होंगी। इसी पत्थर से रंग मंडप, नृत्य मंडप और विश्राम स्थल का निर्माण किया जाएगा।