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जाने कब है माघ पूर्णिमा हिन्दू धर्म में होता है बहुत महत्व

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.

वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है. माघ महीने की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.

इस दिन लोग पवित्र नदियों और मुख्य रूप से गंगा नदी में स्नान करते हैं. साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. आइए आपको बताते हैं कब है माघ पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व.

हिन्दू मान्यतानुसार पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है. हर मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि होती है और उसी तिथि से नए माह की शुरुआत होती है.

इस साल माघ मास की पूर्णिमा 27 फरवरी 2021 को है. इस दिन दान पुण्य और स्नान करने का विशेष महत्व होता है. कहा जाता है कि माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ उदित होता है.

माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पूजन और ईश्वर का ध्यान करना अति उत्तम माना जाता है. इस साल माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-
माघ पूर्णिमा आरंभ- 26 फरवरी 2021 (शुक्रवार) को दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से.
माघ पूर्णिमा समाप्त- 27 फरवरी 2021 (शनिवार) दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर.
उदया तिथि 27 फरवरी को है, इसलिए इस दिन मुख्य रूप से पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी और इसी दिन नदियों में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होगी.

कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी वजह से माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है.

हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न होते हैं और उन्हें सुख सौभाग्य और धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं.

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