मनमोहन सिंह को भी लिखी थी बैंक घोटालेबाजों की सूची: पूर्व गर्वनर रघुराम राजन
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों की पोल खोल कर रख दी है। रघुराम ने बताया है कि देश को चौंका देने वाले बैंकिंग धोखाधड़ी से जुड़े बहुचर्चित मामलों की एक सूची उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान ही प्रधानमंत्री कार्यालय को समन्वित कार्रवाई के लिए सौंपी थी।
राजन ने संसद की एक समिति को लिखे पत्र में यह खुलासा किया है। आकलन समिति के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को भेजे पत्र में राजन ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकिंग प्रणाली में धोखाधड़ियों का आकार बढ़ रहा है, हालांकि, यह कुल गैर निष्पादित आस्तयों (एनपीए) की तुलना में अभी काफी छोटा है।
रघुराम राजन ने यह भी बताया है, ‘जब मैं गवर्नर था तो रिजर्व बैंक ने धोखाधड़ी निगरानी प्रकोष्ठ बनाया था, जिससे धोखाधड़ी के मामलों की जांच एजेंसियों को रिपोर्ट करने के कार्य में समन्वय किया जा सके, मैंने पीएमओ को बहुचर्चित मामलों की सूची भी सौंपी थी। मैंने कहा था कि समन्वित कार्रवाई से हम कम से कम एक या दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं मुझे नहीं पता कि इस मामले में क्या प्रगति हुई, इस मामले को हमें तत्परता के साथ सुलझाना चाहिए। राजन सितंबर, 2016 तक तीन साल के लिए केंद्रीय बैंक के गवर्नर रहे थे और फिलहाल अभी वह शिकागो बूथ स्कूल आफ बिजनेस में पढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रणाली अकेले किसी एक बड़े धोखाधड़ी मामले को अंजाम तक पहुंचाने में प्रभावी नहीं है। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी सामान्य गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) से अलग होती है। उन्होंने कहा, ‘जांच एजेंसियां इस बात के लिए बैंकों को दोष देती हैं कि वे धोखा धड़ी होने के काफी समय बाद उसे धोखाधड़ी का दर्जा देते हैं।