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क्या उत्तर प्रदेश में योगी सरकार चीनी उद्योग से जुटाएगी बड़ा रोजगार ?

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के फैसलों ने यूपी में गन्‍ना किसानों और चीनी उद्योग दोनों की सूरत बदल दी है. दम तोड़ रहे चीनी उद्योग को राज्‍य सरकार ने नई उड़ान दे दी है.

पिछली सरकारों में एक के बाद एक बंद होती चीनी मिलों को योगी सरकार ने न सिर्फ दोबारा शुरू कराया गया बल्कि यूपी को देश में चीनी उत्‍पादन में नंबर वन बना दिया.

इतना ही नहीं योगी सरकार ने आने वाले समय के लिए चीनी उद्योग के विकास का खाका भी तय कर दिया है. मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने नीति आयोग में यूपी में चीनी उद्योग और गन्‍ना उत्‍पादन के विकास की रूपरेखा पेश कर दी है.

दरअसल, योगी सरकार यूपी में गन्‍ने के साथ ही चीनी उद्योग को भी नई ऊंचाई पर ले जाने की तैयारी में है. चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाने के साथ ही सरकार गन्‍ना उत्‍पादन के जरिये बड़े स्‍तर पर रोजगार भी सृजन करने जा रही है.

नीति आयोग के सामने पेश किए गए ब्‍योरे के मुताबिक राज्‍य सरकार ने तीन पेराई सत्रों एवं वर्तमान पेराई सत्र 2020-21 समेत यूपी में कुल 3,868 लाख टन गन्ने की पेराई कर 427.30 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है.

राज्‍य सरकार ने लगभग 45.44 लाख गन्ना किसानों को 123 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया है. वर्ष 2017-18 से 31 जनवरी, 2021 तक 54 डिस्टिलरीज के माध्यम से प्रदेश में कुल 261.72 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन हुआ है, जो कि एक रिकार्ड है.

25 सालों में पहली बार 243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी किये गए. जिनमें से 133 इकाइयां संचालित हो चुकी हैं. इन इकाइयों में 273 करोड़ का पूंजी निवेश होने के साथ करीब 16,500 लोगों को रोजगार मिलेगा

243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना होने पर 50 हजार लोग रोजगार पायेंगे, गौरतलब है कि सपा और बसपा की सरकार में बकाया भुगतान के लिए गन्‍ना किसानों को दर दर भटकना पड़ता था.

हालात से परेशान कई किसान गन्‍ना उत्‍पादन से तौबा कर बैठे थे. लेकिन योगी सरकार ने गन्ना मूल्य का ऐतिहासिक भुगतान कर किसानों को गन्‍ने की मिठास लौटा दी है.

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