गुजरात के निकाय चुनावों में बीजेपी ने की जीत दर्ज गृहमंत्री शाह ने जनता को दी बधाई
गुजरात के निकाय चुनावों में बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की है. राज्य के 81 जिला निकाय, 31 जिला पंचायत और 231 तालुका के चुनावों में बीजेपी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.
81 नगरपालिका की 2720 सीटों मे से 2085 पर बीजेपी, 388 पर कांग्रेस और 172 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं. आम आदमी पार्टी के 9 उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है.
जिला पंचायत की 980 में से 800 सीटें बीजेपी के खाते में गई हैं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ 169 सीटें मिली हैं, दो सीटों के साथ आप ने भी खाता खोला है. इसके अलावा 231 तालुका पंचायतों की 4774 सीटों में से बीजेपी ने 3351 सीटें अपने नाम की है, कांग्रेस-1252 और आप ने 31 सीटों पर जीती है.
इससे पहले गुजरात में पिछले महीने हुए निकाय चुनावों के पहले चरण में, बीजेपी ने सभी छह नगर निगमों में जीत हासिल की थी. असदुदीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने अरावली जिले के मोडासा नगरपालिका में नौ सीटें जीती. इसके साथ ही उसने एक सीट भरूच में और सात सीटें पंचमहाल के गोधरा में जीती.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिणामों से पता चलता है कि गुजरात पार्टी के विकास और सुशासन के एजेंडे के साथ मजबूती से कायम है. उन्होंने ट्वीट किया पूरे गुजरात में नगरपालिका, तालुका पंचायत और जिला पंचायत चुनावों के परिणाम एक स्पष्ट संदेश देते हैं
गुजरात बीजेपी के विकास और सुशासन के एजेंडे के साथ है उन्होंने कहा बीजेपी के प्रति अटूट विश्वास और स्नेह के लिए मैं गुजरात के लोगों को नमन करता हूं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया गुजरात के ग्रामीण इलाकों में लोगों और किसानों ने बीजेपी को विजयी बनाया और गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में सरकार की कल्याणकारी नीतियों पर विश्वास की मुहर लगाई
शाह ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और प्रदेश बीजेपी प्रमुख सी आर पाटिल के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं को भी “शानदार जीत” के लिए बधाई. उन्होंने कहा मैं जनता को नमन करता हूं.
नतीजों के बाद कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा और नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने इस्तीफा दे दिया. चावड़ा ने कहा कि लोगों ने ईवीएम पर संदेह जताया है और इन सभी चीजों की जांच होनी चाहिए. पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि भविष्य के कदम के बारे में फैसला अब कांग्रेस के शीर्ष पदाधिकारियों को करना है.