पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतो को लेकर संसद में हंगामा जारी
लोकसभा और राज्यसभा में आज भी कल की तरह पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमत के मुद्दे पर विपक्ष के द्वारा हंगामा जारी रह सकता है.
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल सदन में पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के मुद्दे पर लगातार चर्चा की मांग कर रहे हैं, जबकि राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने कहा है कि आने वाले दिनों में इस पर चर्चा की जा सकती है लेकिन इस तरह से नहीं.
कल विपक्ष ने एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोलियम की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए खूब हंगामा किया. विपक्षी दलों सहित शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना जैसे बीजेपी के पूर्व सहयोगियों ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को निशाने पर लिया.
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके के नेताओं के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने स्पीकर के पोडियम पर पहुंचकर ‘एलपीजी के दाम वापस लो और पेट्रोल-डीजल के दाम कम करो’ जैसे नारे लगाए. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा के लिए शून्यकाल स्थगित करने की मांग की.
इसके अलावा राज्यसभा में आज जल शक्ति मंत्रालय के कामकाज को लेकर भी चर्चा हो सकती है. हर घर नल से जल से लेकर नदियों के प्रदूषण का मामला जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत ही आता है.
सरकार ने जिन विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, उनमें पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, राष्ट्रीय वित्त पोषण अवसंरचना और विकास बैंक विधेयक, विद्युत विधेयक, क्रिप्टो करेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक शामिल हैं.
बजट सत्र का दूसरा चरण ऐसे समय हो रहा है जब सभी सियासी दलों का ध्यान पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों पर है. इन राज्यों में मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं. अनुमान है कि चुनाव प्रचार की खातिर कई क्षेत्रीय दलों के वरिष्ठ नेता सदन की बैठकों से अनुपस्थित रहेंगे.
बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी को शुरू हुआ था, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था.
राष्ट्रपति के अभिभाषण का कांग्रेस समेत 20 से अधिक विपक्षी दलों ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर बहिष्कार किया था. बजट सत्र का दूसरा चरण 8 अप्रैल को खत्म होगा.