राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बॉम्बे बेगम्स वेब सीरीज की स्ट्रीमिंग को रोकने की मांग की
पूजा भट्ट स्टारर नेटफ्लिक्स की सीरीज बॉम्बे बेगम्स विवादों में आ गई है. इस सीरीज पर बच्चों का अनुचित तरीके से चित्रण करने का आरोप लगाया गया है. इसकी वजह से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने इस वेब सीरीज की स्ट्रीमिंग को रोकने की मांग की है. बॉम्बे बेगम्स के इन सीन्स को लेकर ट्विटर पर काफी दिनों से बवाल हो रहा है.
ट्विटर पर बॉम्बे बेगम्स के कई वीडियो वायरल हो रहे है, जिनमें स्कूल की लड़कियों को दिखाया गया है. यह सभी सीन्स एक्ट्रेस आध्या आनंद के हैं. आध्या ने पूजा भट्ट के किरदार रानी की सौतेली बेटी शाय का किरदार निभाया है.
सीन्स की बात करें तो 13 साल की शाय स्कूल जाती है, जहां वह लड़कियों को अपनी बॉडी के बारे में बात करते और तस्वीरें खींचते देखती है. इसके बाद शाय रानियों के शरीर के बारे में बात करते हुए पेपर पर तस्वीर बनाती है. ये सीन काफी वायरल हो रहा है लोग इस पर आपत्ति जता रहे हैं. कुछ दिन पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से इसके खिलाफ एक्शन की मांग भी की थी.
एक और सीन जो वायरल हो रहा है उसमें शाय (आध्या आनंद) को प्लाबिता बोरठाकुर के किरदार से सिगरेट लेकर स्मोक करते देखा जा सकता है. एक और अन्य सीन में शाय एक पार्टी में शराब पीने के बाद ड्रग्स लेती नजर आ रही है. इस सीन के स्क्रीनशॉट्स वायरल हो रहे हैं और सोशल मीडिया यूजर्स इसे गलत बता रहे हैं.
बात करें NCPCR की तो आयोग ने नेटफ्लिक्स को भेजे अपने नोटिस में कहा है, “नेटफ्लिक्स को बच्चों के संबंध में या बच्चों के लिए किसी भी सामग्री को स्ट्रीम करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. आपको इस मामले को देखने के लिए आदेश दिया जाता है और तुरंत इस सीरीज की स्ट्रीमिंग रोक दी जाए और 24 घंटों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो आयोग को सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई के लिए बाध्य किया जाएगा.”
वेब सीरीज बॉम्बे बेगम्स 8 मार्च को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई है. ये वेब सिरीज पांच महिलाओं की कहानी है, जो अलग-अलग आयु और वर्ग की हैं. इस सीरीज में 13 साल की स्कूल में पढ़ने वाली बच्ची से लेकर 49 साल की बैंक की सीईओ तक को दिखाया गया है. सीरीज में वर्कप्लेस में होने वाले यौन उत्पीड़न के संवेदनशील मुद्दे, समलैंगिक संबंध, बेवफाई, लिव-इन रेलशनशिप, यौन उत्पीड़न, प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज सहित कई दूसरे मुद्दे भी उठाए गए हैं. सीरीज का निर्देशन अलंकृता श्रीवास्तव ने किया है.