MP के इन आठ जिलों में कोरोना का बढ़ा खतरा, पाबंदियां लगाने के दिए निर्देश
मध्य प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र से लगे सीमावर्ती जिलों के प्रशासन को सलाह दी है कि वह पड़ोसी राज्य से आने वाले यात्रियों की पहचान कर उन्हें एहतियात के तौर पर एक सप्ताह के लिए पृथकवास में रखे। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. राजेश राजौरा की ओर से रविवार शाम को जारी किए गए ताजा दिशानिर्देशों में कहा गया, महाराष्ट्र राज्य से मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में आने वाले यात्रियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें एक सप्ताह तक अनिवार्य तौर पर पृथकवास में रहने की सलाह दी जानी चाहिए।
मालूम हो कि मध्य प्रदेश के आठ जिलों छिंदवाड़ा, बालाघाट, बैतूल, सिवनी, खंडवा, बड़वानी, खरगोन और बुरहानपुर जिले की सीमाएं महाराष्ट्र से लगी हैं। नए दिशानिर्देशों में महाराष्ट्र की सीमा से लगे जिलों के साथ भोपाल और इन्दौर में भी प्रोटोकॉल का पालन करने तथा किसी भी प्रकार की आयोजनों में बंद हॉल में 50 प्रतिशत उपस्थिति (अधिकतम 200 लोग) सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। संभावना है कि कुछ जिलों में नाइट कर्फ्यू या फिर विकेंड लॉकडाउन लगाने पर भी विचार किया जा सकता है।
इन आठ जिलों में खतरा ज्यादा
निर्देश में कहा गया है कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रतलाम, ग्वालियर, बालाघाट, सिवनी, बैतूल, छिंदवाड़ा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और उज्जैन जैसे जिलों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए। इन जिलों में हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। आदेश में यह भी कहा किया है कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए। इसके साथ ही दुकानों पर सामाजिक दूरी और लोगों व कर्मचारियों के लिए मास्क अनिवार्य रूप से पहनने की भी निर्देश दिए गए हैं।