भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सभी संकटों से मिलता है छुटकारा
गुरुवार को विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु जी की विधि -विधान से की गई पूजा से विशेष लाभ मिलता है. भगवान विष्णु को जगत का पालनहार भी माना जाता है.
हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार गुरुवार को भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है. आपको बता दें कि 14 मार्च से खरमास शुरू हो चुका है और यह 14 अप्रैल तक चलेगा. इस महीने मांगलिक कार्य की मनाही होती है, लेकिन पूजा-पाठ के लिहाज से इसे बेहद शुभ माना जाता है.
सृष्टि के पालनहार विष्णु भगवान की पूजा के लिए ये महीना खासतौर से काफी अच्छा माना जाता है. ऐसे में विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अत्यंत फलदायक है. विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु के एक हजार नाम दिए गए हैं.
यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति नीच राशि में हो, या बहुत कमजोर हो तो आपको खरमास के दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ जरूर करना चाहिए. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.
माना जाता है कि महाभारत के समय में जब भीष्म पितामह बाणों की शैया पर लेटकर अपनी मृत्यु के लिए सही समय का इंतजार कर रहे थे, तब युधिष्ठिर ने उनसे ज्ञान पाने की इच्छा जाहिर की.
युधिष्ठिर ने पूछा कि ऐसा कौन है जो सभी जगह व्याप्त है और जिसे सर्वशक्तिशाली माना जाए, जो हमें इस भवसागर से पार करा सके. इसका जवाब देते हुए भीष्म पितामह ने उनके समक्ष विष्णु सहस्त्रनाम का वर्णन किया था.
इसका महत्व समझाते हुए भीष्म पितामह ने कहा था कि विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ युगों-युगों तक फलदायी सिद्ध होगा. जो भी इसे नियमित रूप से पढ़ेगा या सुनेगा, उसके हर तरह के कष्ट दूर हो जाएंगे. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने वालों पर दुर्भाग्य, खतरों, काला जादू, दुर्घटनाओं और बुरी नजर का असर नहीं होता.
सुबह जल्दी स्नानादि से निवृत्त होने के बाद पीले वस्त्र पहनें. भगवान विष्णु को पीले पुष्प, चंदन, पीले अक्षत और धूप-दीप अर्पित करें. इसके बाद उन्हें गुड़ और चने का भोग लगाएं.
फिर उनके समक्ष बैठकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान विष्णु को शिव, शंभु और रुद्र जैसे नामों से भी पुकारा गया है, जो ये स्पष्ट करता है कि शिव और विष्णु वास्तव में एक ही हैं.
अगर आपके पास समय का अभाव है, या आप नियमित तौर पर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ नहीं कर सकते तो आप यहां बताए जा रहे मंत्र का नियमित जाप कर सकते हैं. ये मंत्र भगवान विष्णु के सहस्त्र नाम का फल देने वाला माना जाता है-
नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे,
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नमः