प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने आज कहा कि सरकार प्रदेश को टी0बी0 मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। टी0बी0 एक गम्भीर बीमारी है और प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में इसका उपचार निःशुल्क है।
उन्होंने कहा कि विश्व का हर चैथा क्षय रोगी भारतीय है और भारत का हर पाँचवा क्षय रोगी उत्तर प्रदेश का वासी है। इसी को ध्यान में रखते हुए आधुनिक भारत के शिल्पी और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति बेहद संवेदनशील भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री जी द्वारा क्षयरोग को वर्ष 2025 तक भारत से समाप्त करने का संकल्प लिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार मा0 प्रधान मंत्री जी के संकल्प को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है कि आधुनिकतम विधियों द्वारा प्रदेश के प्रत्येक क्षयरोगी को निःशुल्क और गुणवत्तायुक्त जाँच और उपचार सुविधाएं प्रदान की जाएं।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम भारत सरकार के आर्थिक सहयोग एवं मार्ग दर्शन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है।
जय प्रताप सिंह विश्व क्षय रोग दिवस की पूर्व संध्या पर आज यहां लोक भवन स्थित सभागार में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस के रूप मे मनाया जा रहा है।
इसको कार्यक्रम के व्यापक प्रचार प्रसार एव सामाजिक/जन सहभागिता बढाये जाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस वर्ष प्रदेश में “क्षय रोग सप्ताह” का आयोजन दिनांक 18 मार्च से 24 मार्च 2021 तक किया गया है।
जिसमें जनपद एवं राज्य स्तर पर विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम मे आज मीडिया की सहभागिता के उद्देश्य से प्रेस कान्फ्रेन्स का आयोजन किया गया है।
उन्होंने कहा कि टी0बी0 (क्षय रोग) वर्तमान समय में एक गम्भीर बीमारी का रूप धारण कर चुकी है। आज आवश्कता है कि प्रदेश के आम जनमानस को क्षय रोग के लक्षणों की जानकारी हो-द® सप्ताह या अधिक समय से खंासी एव बुखार आना, वजन मे कमी होना, भूख कम लगना, बलगम में खून आना, सीने में दर्द एव छाती के एक्सरे मे असमान्यता
क्षय रोग के मुख्य लक्षण हैं। क्षय रोग पूर्णतया साध्य रोग है जिसका पूरा कोर्स करने से रोगी स्वस्थ हो जाता है। क्षय रोग परीक्षण एवं उपचार की सेवाएं प्रदेश के समस्त सरकारी अस्पतालांे में निःशुल्क उपलब्ध हैं।
मंत्री जी ने जानकारी दी कि वर्ष 2020 में टी0बी0 नोटीफिकेशन सरकारी क्षेत्र में 242258 पंजीकृत क्षय रोगी एवं निजी क्षेत्र में 124256 पंजीकृत क्षय रोगी (कुल 366514 क्षय रोगी) वर्ष 2021 मे अब तक 90000 से अधिक क्षय रोगी निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत कर निशुल्क उपचार किया गया।
उन्होंने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिग अभियान के द्वारा क्षय रोगियो की खोज की जाती है। एक्टिव केस फाइंडिग अभियान का मुख्य उद्देश्य छुपे हुए टी0बी0 के रोगियों को उनके घरों से खोज निकालना तथा उन्हें टी0बी0 की डाइग्नोस्टिक और ट्रीटमेन्ट सर्विसेस से जोड़ने का है।
इसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता ऐसी आबादी में जहां क्षय रोगियों की संभावना ज्यादा होती है, घर-घर जाकर क्षय रोग के लक्षणों के बारे में बतायेंगे व संदिग्ध रोगियों की पहचान कर उनकी निःशुल्क जांच व उपचार प्रदान किया जायेगा।
यह अभियान क्षय रोग के उन्मूलन हेतु महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र में इलाज करा रहे रोगियों का भी सरकार फालोअप कर रही है
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों में 01 मई 2020 से क्षय रोगियों के नमूनों को माइक्रोस्कोपिक सेन्टर से जनपद मुख्यालय तथा कल्चर एवं ड्रग्स सेन्सटिविटी हेतु प्रयोगशाला तक डाक विभाग द्वारा पहुंचाने की व्यवस्था का अनुबंध राज्य स्तर पर किया गया है जिससे संबंधित प्रयोगशाला में पहुँचाया जा रहा है।
मेरठ व गोरखपुर में नई कल्चर एवं ड्रग संेसिटिविटी प्रयोगशाला का प्रारम्भ, 145 सी0बी0नाट प्रयोगशाला, 451 ट्रूनाॅट प्रयोगशाला, 25 डिजिटल एक्स-रे मशीन की स्थापना की गयी हैं। 04 कल्चर एण्ड डी0एस0टी0 लैब (कानपुर, इटावा,झासी एव प्रयागराज) की स्थापना प्रक्रियाधीन है। कतिपय जनपदों द्वारा जांचंे अधिक करने हेतु चरणबद्ध तरीके से सी0बी0नाॅट/ ट्रूनाॅट मशीन का उपयोग किया जा रहा है जिससे यू0डी0एस0टी0 जांच में बढोत्तरी हो रही है।
दिनांक 01.04.2018 से निक्षय पोषण योजना (न्यूट्रीशियन सपोर्ट) के अन्तर्गत पंजीकृत समस्त क्षय रोगियों को डी0बी0टी0 के माध्यम से रू0 500/- प्रति माह की दर से भुगतान किया जा रहा है।
योजना के तहत प्रदेश में अब तक 196 करोड़ रुपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण के माध्यम से क्षय रोगियों को प्रदान की जा चका है। जिसके अन्तर्गत वर्ष 2018 मे 69 करोड़ से अधिक, वर्ष 2019 मे 80 करोड़ से अधिक, वर्ष 2020 मे 45 करोड़ से अधिक रूपये का भुगतान किया जा गया है।
मंत्री जी ने जानकारी दी कि प्रदेश के 22 नोडल डी0 आर0टी0 सेन्टर पर बीडाक्यूलीन एव डेलामिनिड आधारित रेजीमेन रेजीमिन की उपलब्ध कराते हुए एम0डी0आर0/ एक्स0डी0आर0 क्षय रोगियों का उपचार किया जा रहा है।
एचआईवी, मधुमेह, जटिल श्वास रोग, शराब और तम्बाकू, के उपयोग करने वाले व्यक्तियांे में क्षय रोग होने की सम्भावना अधिक होती है, इसी के दृष्टिगत प्रदेश में समस्त क्षय रोगियों की सहरूग्णता (एचआईवी, मधुमेह, इत्यादि ) से सम्बन्धित समस्त जांच प्रदेश सरकार द्वारा निःशुल्क जांच।
राज्य स्तरीय ई-लान्च एवं ई-प्रशिक्षण (वेबीनार-1) से जिला क्षय रोग अधिकारी, नोडल डी0आर0टी0बी0 एवं जिला डी0आर0टी0बी0 केन्द्रों को जो आॅनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया गया, उससे कार्यक्रम की क्रियान्वयन एवं प्रदेश में डी0आर0टी0बी0 रोगी के उपचार में गुणवत्ता प्रदान किया जा रहा है।
तथा संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों का क्षमता वर्धन भी किया गया। जिससे उपचार की सफलता दर में वृद्धि होगी। इण्डियन पोस्टल पेमेंटस बैंक द्वारा जिन क्षय रोगियों के बैंक खाता नहीं खुले है उनके घर जाकर खाता खोलने हेतु सम्पर्क किया जा रहा है।
शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग तथा शिक्षा विभाग एवं अन्य विभागों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए सहभागिता सुनिश्चित करने की दशा मे कदम उठाये जा रहे है।
प्रेस काॅन्फ्रेंस में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा टी0बी0 रोगियों को आइडेन्टीफाई करने का कार्य निरन्तर जारी है। प्रदेश में तीन बार विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाता है जिसमें दिमागी बुखार पर नियंत्रण के लिए दस्तक अभियान के माध्यम से घर-घर जाकर जानकारी के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ बुखार के रोगियों की जानकारी भी प्राप्त की जाती हे।
इस बार इस अभियान में टी0बी0 के लक्षणों से युक्त संदिग्ध रोगियों की जानकारी लेना भी इस अभियान में शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा टी0बी0 से बचाव के लिए भी वही सावधानियां आवश्यक हैं जो कोरोना से बचाव के लिए जरूरी हैं। मास्क के प्रयोग से टी0बी0 के फैलाव को रोका जा सकता है। उन्होंने कोरोगा के बढ़ रहे संक्रमण को दृष्टिगत जल्द से जल्द वैक्सीनेशन करा लेने पर बल दिया।
कोरोना संक्रमण की जानकारी देते हुए अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 119470 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 33835134 सैम्पल की जांच की गयी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 638 नये मामले आये हैं। प्रदेश में 3844 कोरोना के एक्टिव मामले हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 596101 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस समय कई प्रांतों में संक्रमण के केस बढ़ रहे हैं, जिससे प्रदेश में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
आप लोग अपने हाथ को साबुन पानी से बार-बार धोते/सेनेटाइज करते रहें, तथा मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
श्री प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सप्ताह के छः दिन सोमवार से शनिवार एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सोमवार, गुरूवार और शुक्रवार तक कोविड वैक्सीनेशन का टीकाकरण किया जा रहा है।
प्रेस काॅन्फ्रेंस में मिशन निदेशक रा0स्वा0 मिशन अपर्णा उपाध्याय ने कहा टी0बी0 एक गम्भीर बीमारी है लेकिन अब ये असाध्य नहीं है।
अगर इसका इलाज समय से और पूरा करवाया जाता है तो एक वर्ष में रोगी स्वस्थ हो जाता है। सरकार प्रत्येक रोगी को निःशुल्क इलाज के साथ-साथ उचित पोषण के लिए 500 रूपये प्रतिमाह देती है। यह भुगतान निक्षय पोषण योजना के अन्तर्गत क्षय रोगी के खाते में सीधे किया जाता है।
इस अवसर पर राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी डाॅ0 संतोष गुप्ता ने प्रेस प्रतिनिधियों को प्रजेन्टेशन के माध्यम से टी0बी0 की गम्भीरता, प्रदेश में चलाये जा रहे टी0बी0 नियंत्रण कार्यक्रमों तथा प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में अब तक प्राप्त सफलताओं के बारे में अवगत कराया।