भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को फिनटेक सेक्टर में प्रभावी रेगुलेशन का आह्वान किया। उन्होंने इस क्षेत्र में ऐसे नियमन की जरूरत पर बल दिया जो सेक्टर में इनोवेशन के लिए मददगार साबित हो ना कि प्रगति में बाधक बने। एक इकोनॉमिक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए गवर्नर ने कहा कि प्रभावी नियमन रिजर्व बैंक की प्राथमिकता वाले क्षेत्र में शामिल है। उन्होंने कहा कि इस समय पॉलिसी बनाते समय बैंकिंग सेक्टर की सेहत को दुरुस्त बनाए रखने और मजबूत पूंजीगत आधार के साथ-साथ नैतिकता पर आधारित कामकाज को सुनिश्चत करने को तवज्जो दिया जाता है।
आरबीआइ के गवर्नर दास ने ग्राहकों की बेहतर और त्वरित सेवा में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि RBI ने लोगों को सीधी मदद पहुंचाने वाले 274 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्रोसेस किया। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर ट्रांजैक्शन महामारी के समय हुए थे।
आरबीआइ गवर्नर दास ने कहा कि प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ आधिकारिक रुख होने के बावजूद भारत का केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता से जुड़ी चिंताओं का आकलन कर रहा है। उल्लेखनीय है कि आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी लाने की दिशा में काम कर रहा है।
केंद्रीय बैंक के प्रमुख ने कहा कि RBI मूल्य के साथ-साथ वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के साथ-साथ इकोनॉमिक रिकवरी को सपोर्ट करने के लिए सभी पॉलिसी टूल्स को अपनाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
दास ने कोरोना महामारी के नए मामलों में वृद्धि को चिंता का विषय करार दिया और कहा कि इस बार की दिक्कतों से निपटने के लिए देश इस समय अतिरिक्त बीमा कवर के साथ तैयार है।