यूपी सरकार को हाई कोर्ट से मिला बड़ा झटका, इस दिन होगा शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का चुनाव
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में प्रशासक नियुक्त करने के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से बड़ा झटका मिला है। कोर्ट ने शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का उत्तर प्रदेश सरकार के इस मामले में जवाब-तलब किया है। इस केस में गुरुवार को सुनवाई को देखते हुए सरकार ने 20 अप्रैल को चुनाव कराने का फैसला किया है।
हाईकोर्ट में गुरुवार को इस मामले की सुनवाई होनी है। इसी कारण सरकार ने प्रशासक नियुक्ति का फैसला वापस ले लिया है। इसके साथ ही अफसर देर रात तक चुनाव कार्यक्रम तैयार करने में जुटे रहे। सूत्रों का कहना है कि सरकार कोर्ट में चुनाव कार्यक्रम पेश करेगी। शिया वक्फ बोर्ड के चुनाव 20 अप्रैल को होने की उम्मीद है।
शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से अध्यक्ष पद पर चुनाव होना था, लेकिन अभी तक नहीं कराया गया है। पिछले दिनों सरकार ने शिया वक्फ बोर्ड को लेकर बड़ा फैसला ले लिया। सरकार ने प्रमुख सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण बीएल मीणा को उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड में प्रशासक नियुक्त कर दिया। सरकार के इसी फैसले को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी गई है। इस पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को हाईकोर्ट ने पूछा कि किस प्रावधान के तहत शिया वक्फ बोर्ड में प्रशासक की नियुक्ति की गई है. साथ ही हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि बोर्ड में जल्द से जल्द चुनाव करा लिए जाएं। हाईकोर्ट ने मामले में वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव स्तर के अफसर से 25 मार्च को कोर्ट में की गई कार्यवाही से अवगत कराने का आदेश दिया है। दरअसल सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव कराने में असमर्थता जताते हुए शिया वक्फ बोर्ड में प्रशासक नियुक्त कर दिए थे। इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था कि किस आधार पर प्रशासक नियुक्त किया गया है।