प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी) मिशन के अन्तर्गत अफोर्डेबुल रेन्टल हाउसिंग काॅम्प्लेक्सेस योजना के प्रदेश में क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति
मंत्रिपरिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी) मिशन के अन्तर्गत अफोर्डेबुल रेन्टल हाउसिंग काॅम्प्लेक्सेस योजना के प्रदेश में क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि भारत सरकार द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत‘ के तहत आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के माध्यम से प्रवासी शहरी गरीब मजदूरों के लिए ‘किफायती रेेन्टल आवास एवं काॅम्प्लेक्सेस’ (ए0आर0एच0सी0) की योजना का शुभारम्भ किया गया है।
यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत क्रियान्वित की जाएगी। यह शहरी प्रवासियों/गरीबों के लिए किराये के आवास परिसरों के निर्माण, संचालन और रख-रखाव के लिए निजी/सार्वजनिक संस्थाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगी।
ए0आर0एच0सी0 को सभी वैधानिक शहरों में 2011 की जनगणना और बाद में अधिसूचित कस्बों, अधिसूचित योजना क्षेत्रों और विकास/विशेष क्षेत्र विकास/औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के क्षेत्रों में लागू किया जाऐगा। ए0आर0एच0सी0 के तहत परियोजनाएं प्रधानमंत्री आवास योजना-सबके लिए आवास (शहरी) मिशन की अवधि मार्च, 2022 तक स्वीकृृति और वित्त पोषण के अनुमन्य होंगी।
मिशन की अवधि के दौरान अनुमोदित परियोजनाओं हेतु फण्ड जारी करने और परियोजनाओं को पूरा करने के लिए पृथक से 18 महीने का समय दिया जाएगा।
इस योजना में लाभार्थी शहरी प्रवासी/गरीब मजदूर, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग के व्यक्ति, जिसमें फैक्ट्री में कार्य करने वाले मजदूर, प्रवासी मजदूर, शिक्षण संस्थाओं, सत्कार कार्याें से जुड़े लोग, पर्यटक एवं छात्र होंगे।
योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विधवाओं और कामकाजी महिलाओं, दिव्यांग, अल्पसंख्यकों से सम्बन्धित व्यक्तियों को वरीयता दी जायेगी, जो राज्य सरकार द्वारा प्राविधानित नियमों के अधीन होगी।
ए0आर0एच0सी0 के क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार एवं आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके उपरान्त राज्य सरकार द्वारा सम्बन्धित विभागों को सभी आवश्यक प्रोत्साहन/लाभ के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये जाएंगे।
दिशा-निर्देश के अनुसार योजना की आवश्यकता को पूरा करने वाली कोई भी एजेन्सी भाग ले सकती है और वह नगर निकाय के माध्यम से आवेदन कर सकती है।
ए0आर0एच0सी0 में साइट पर अवसंरचना विकास जैसे-आन्तरिक सड़कें, रास्ते, हरित क्षेत्र और खुली जगह, बाउण्ड्रीवाॅल, पानी की आपूर्ति, सीवरेज/सेप्टेज, ड्रेनेज, बाहरी विद्युतीकरण आदि को शामिल किया जाएगा। आवासों में अनिवार्य रूप से पानी की आपूर्ति, बिजली, रसोई और शौचालय शामिल होंगे।
शयनगृृह में अलग बिस्तर/साइट टेबल, अलमारी, लाॅकर, रसोई और शौचालय की सामान्य सुविधाएं अनिवार्य होंगी।
ए0आर0एच0सी0 के तहत सभी परियोजनाओं को न्यूनतम 25 वर्ष तक केवल ई0डब्ल्यू0एस0/एल0आई0जी0 श्रेणी के शहरी प्रवासियों/गरीबों को किराये के आवास हेतु ही उपयोग किया जाएगा। यदि इस योजना के तहत किराये के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए ए0आर0एच0सी0 का उपयोग किया जाता है
तो सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार, एजेन्सी के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा, एजेन्सी द्वारा प्राप्त सभी प्रोत्साहन/लाभ लागू ब्याज के साथ वसूल किया जाएगा।
ए0आर0एच0सी0 योजना के अन्तर्गत परियोजनाओं को विकसित करने हेतु प्रस्ताव स्थानीय निकाय द्वारा आवास बन्धु को उपलब्ध कराया जाएगा। आवास बन्धु ए0आर0एच0सी0 के दिशा-निर्देशानुसार प्रस्ताव का तकनीकी परीक्षण करते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार स्वीकृति हेतु नोडल विभाग (सूडा) को अग्रसारित किया जाएगा।
यह योजना प्रदेश में 02 माॅडलों के अन्तर्गत क्रियान्वित की जाएगी। माॅडल 01 में भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली मकानों को रियायत समझौते के माध्यम से ए0आर0एच0सी0 में परिवर्तित करना शामिल हैं।
माॅडल 02 के अनुसार सार्वजनिक/निजी संस्थाओं द्वारा अपनी उपलब्ध खाली जमीन पर ए0आर0एच0सी0 का निर्माण, संचालन और रख-रखाव किया जाएगा। ए0आर0एच0सी0 के अन्तर्गत दोनों माॅडलों में स्वीकृति हेतु कोई भी प्रस्ताव आवास बन्धु के तकनीकी परीक्षण के बिना स्वीकार नहीं किया जाएगा।