श्रम और कौशल विकास मंत्री हरक सिंह रावत के निर्देश के बाद डीएम विनोद कुमार सुमन ने जिले में स्थित कौशल विकास केंद्रों की जांच के लिए एसडीएम के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गठित की थी। टीम 24 अगस्त से 29 अगस्त तक बरेली रोड, रामपुर रोड, लालकुआं और हल्दूचौड़ में स्थित केंद्रों की जांच की। सूत्रों के मुताबिक जांच में एक केंद्र में छह अभ्यर्थी उपस्थित मिले जबकि उपस्थिति पंजिका में 15 अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर थे। यही हाल अन्य केंद्रों का भी था। एक प्रशिक्षणार्थी ने जांच टीम को बताया कि उनके केंद्र में रोजाना 20-22 अभ्यर्थी आते हैं जो उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर कर प्रशिक्षण लिए बगैर ही लौट जाते हैं। इस केंद्र में उपस्थिति पंजिका में उपस्थिति दर्ज करने वाले स्थान पर कागज की पट्टियां भी चिपकी मिली। एक प्रशिक्षणार्थी ने जांच टीम को बताया कि उसके नाम के आगे जो हस्ताक्षर हैं वह उसने किए ही नहीं हैं।
ये मिली गड़बड़ियां
-एक केंद्र में सिर्फ उपस्थिति दर्ज कराने आते हैं प्रशिक्षणार्थी
-अभ्यर्थी के फर्जी हस्ताक्षर और हस्ताक्षर की जगह कागज की पट्टियां चिपकी मिली
– एक केंद्र में एक भी प्रशिक्षणार्थी नहीं मिला
– बायोमैट्रिक मशीन होने के बाद भी दर्ज नहीं होती उपस्थिति
ये कमियां मिलीं
– अधिकतर केंद्रों में अभ्यर्थियों के लिए शुद्ध पानी नहीं
– पावर बैकअप के रूप में जेनरेटर का अभाव
– सीसीटीवी का न होना
– प्रयोगशालाओं में मशीनों के खराब होने
– बायोमैट्रिक मशीन से उपस्थिति दर्ज नहीं
– मानकों के तहत प्रशिक्षकों की तैनाती नहीं
– कक्षों में प्रोजेक्टरों की कमी
कौशल विकास केंद्रों की जांच रिपोर्ट अभी मुझे नहीं मिली है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद गड़बड़ी करने वाले केद्रों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।
-विनोद कुमार सुमन डीएम