पिथौरागढ़: मौसम के अचानक करवट बदलने के साथ ही उत्तराखंड के कर्इ जिलों में भारी बारिश हुर्इ। पिथौरागढ़ जनपद और नैनीताल के बेताल घाट में बादल फटने से भारी तबाही मची है। कर्इ घरों व दुकानों में मलबा घुस गया है। खेत मलबे से पट गए। घटना में जनहानि की सूचना नहीं है।
उत्तराखंड राज्य में मौसम बार-बार करवट बदल रहा है। कभी धूप तो कभी बारिश ने लोगों के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। कुमाऊं के ज्यादातर जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है। पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश ने भारत-नेपाल सीमा पर काली और गोरी नदी घाटी क्षेत्र में जमकर कहर बरपाया है।
बलमरा से लेकर बलुवाकोट और डीडीहाट तहसील के तल्लाबगड़ क्षेत्र में डेढ़ घंटे की भारी बारिश से लोग दहशत में है। इसके साथ ही नदी नाले भी उफान पर। जगह-जगह भूस्खलन हुआ। यहां करीब एक दर्जन दुकानों-मकानों में मलबा और पानी घुसा है। नालों का पानी खेतों में आने से खेत मलबे से पट गए हैं। वहीं जौलजीबी तल्ला-बगड़ मार्ग लखनपुर के पास मलबा आने से बंद हो गया है। इसके साथ ही क्षेत्र के तीन और मार्ग भी बंद है। हालांकि, मार्गों को खुलवाने के लिए लोकनिर्माण विभाग की टीम मौके पर पहुंच गर्इ है। वहीं अभी प्रशासन की ओर से बादल फटने की पुष्टि नहीं की गर्इ है।
वहीं नैनीताल जिले के बेतालघाट विकास खंड के ग्राम कटमीगजार में सुबह बादल फटने से भारी नुकसान हो गया है। मुसकीत गधेरे ने भारी तबाही मच गई है। गांव के घरों में भी पानी घुस गया है। जिला पंचायत सदस्य पीसी गोरखा ने बताया कि बादल फटने की घटना से व्यापक नुकसान हुआ है। गोरखा ने ग्रामीणों के साथ नुकसान का जायजा लिया। रामनगर मार्ग पर भारी मलबा आने से रोड बंद हो गयी।मल्लीसेठी से पैदल चलकर गजार गांव पहुंंचे, जहां भारी नुकसान हुआ है। जिला पंचायत सदस्य पीसी गोरखा ने मौके से ही आला अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई है।