कैसा है भारत को मिलने वाला राफेल जेट, डिप्टी चीफ एयर मार्शल ने खुद उड़ाकर किया टेस्ट
भारतीय वायु सेना के उपप्रमुख एयर मार्शल रघुनाथ नंबियार ने गुरुवार को फ्रांस जाकर दसाल्ट एविएशन की ओर से भारत के लिए बनाए गए पहले राफेल लड़ाकू विमान को उड़ाया. आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चार दिन पहले पेरिस पहुंचे नंबियार ने इसकी क्षमता का आकलन करने के लिए फ्रांस में यह विमान उड़ाया.
दसाल्ट एविएशन द्वारा राफेल विमान बनाए जाने की प्रगति का आकलन करने के लिए डिप्टी चीफ एयर मार्शल फ्रांस गए हैं. सूत्रों ने बताया कि डिप्टी चीफ एयर मार्शल नंबियार ने भारत के लिए दसाल्ट द्वारा बनाया गया पहला राफेल लड़ाकू विमान उड़ाया. इन विमानों को भारत को सौंपने का काम अगले साल सितंबर से शुरू होगा.
भारत के लिहाज से विमान तैयार करने और उसमें हथियार प्रणाली शामिल करने में दसाल्ट एविएशन की मदद करने के लिए भारतीय वायु सेना की एक टीम पहले से ही फ्रांस में मौजूद है. राफेल लड़ाकू विमानों की सरकारी खरीद से जुड़े समझौते पर जारी विवाद के बीच यह खबर आई है.
बता दें कि एक ओर जहां डिप्टी एयर मार्शल ने फ्रांस जाकर भारत को मिलने वाले पहले राफेल को उड़ाया, वहीं देश में इस डील को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र की बीजेपी सरकार को घेर रही है. राफेल डील मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले 18 सितंबर को सुनवाई टल गई थी. जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच में याचिकाकर्ता ने खराब सेहत का हवाला देकर सुनवाई टालने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए टाल दी