दिल्ली ऑक्सीज़न सप्लाई मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कही यह बात
नई दिल्ली: दिल्ली ऑक्सीज़न सप्लाई मामले में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ज्यादातर अस्पताल SOS कॉल दे रहे हैं कि उनके यहां एक घंटे या दो घंटे की ऑक्सीज़न बची हुई है, ऑक्सीज़न के बफर स्टॉक को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बफर स्टॉक बनाने को कहा था, उसको लेकर केंद्र सरकार ने पूछा गया कि उसने क्या किया?
केंद्र सरकार ने कहा कि कल दिल्ली में 730 MT ऑक्सीज़न दिल्ली में सप्लाई की गई, जो सुप्रीम कोर्ट के 700MT के आदेश से ज़्यादा है। दिल्ली के अस्पताल में पर्याप्त ऑक्सीज़न का स्टॉक उपलब्ध है।
केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा, ”कल दिल्ली पहुंचने वाली बड़ी मात्रा में वितरित नहीं किया गया है, आज तीन ऑक्सीज़न एक्सप्रेस दिल्ली आने वाली हैं। अब दूसरे राज्यों से ऑक्सीज़न की मांग उठने लगी है, अगर हम सर्फ दिल्ली को ऑक्सीज़न देने में लगे रहे तो दूसरे राज्यों को नहीं दे पाएंगे। दिल्ली में 700MT के लिए वास्तविक रूप से सही स्थिति नहीं है, इसकी पूर्ति करने से दूसरे राज्य में दिक्कत आएगी।”
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दिल्ली में ऑक्सिजन की सप्लाई के ऑडिट किए जाने की जरूरत है। हम ये नहीं कह रहे हैं कि केंद्र की कमी नहीं हो सकती, लेकिन अगर कमी दिल्ली सरकार की हुई तो 700MT ऑक्सीजन जो हमने दिल्ली को दिया है, उसमे 300 MT दूसरे राज्यों का है।
न्यायमूर्ति शाह ने कहा कि अन्य राज्यों में भी ऑक्सीज़न की मांग बढ़ रही हैं। कर्नाटक की स्थिति से आप कैसे निपटेंगे? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक राज्य को ऑक्सीजन आवंटित करने के बारे में नहीं है, बल्कि एक उचित ऑक्सीजन ऑडिट की ज़रूरत है और वितरण के लिए एक उचित रूपरेखा हो।