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कोविड-19 के दृष्टिगत वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के बेरोजगार युवक/युवतियों को मधुमक्खी पालन हेतु प्रोत्साहित कार्यक्रम : डा0 आर0के0 तोमर

उत्तर प्रदेश के उद्यान निदेशक डा0 आर0 के0 तोमर ने बताया कि नेशनल बी-बोर्ड भारत सरकार (कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्रालय) के निर्देशों के अनुसार उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग कल 20 मई, 2021 से 2-3 दिन तक विभागीय मण्डलीय/जनपदीय मुख्यालयों पर विश्व मधुमक्खी दिवस 2021 मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत रखते हुए वर्चुअल के माध्यम से प्रदेश के कृषकों बागवानों, बेरोजगार युवक/युवतियों को मधुमक्खी पालन हेतु प्रोत्साहित एवं जागरूक करने का कार्यक्रम है।
श्री तोमर ने बताया कि पर्यावरण प्रणाली (म्बवेलेजमउ) के अस्तित्व के लिए मधुमक्खियों एवं अन्य परागणकों के महत्व व सत्त विकास में उनकी भूमिका स्वीकार करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्लोवेनिया के प्रस्ताव को दिसम्बर, 2017 में एन्टोन जन्सा (।दजवद रंदें 20 डंल 1734द्ध प्रथम अन्वेषक आधुनिक मधुमक्खी पालन की जंयती के अवसर 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस मनाये जाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस वर्ष विश्व मधुमक्खी दिवस 2021 का विषय बी-इंगेजेड है। उन्होंने बताया कि इस विषय के आधार पर संयुक्त राष्ट्र ने कोविड-19 से मधुमक्खियों अन्य परागणकों के संरक्षण के खतरों पर ध्यान केन्द्रित कराया गया है। उन्होंने बताया कि  वर्चुअल/वेबिनार के माध्यम से मधुमक्खी पालन केे महत्व एवं स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों के लिए उपयोगी मधुमक्खी उत्पाद जैसे- शहद, पराग, मोम, गोंद, रायल जैली एवं मौन विष आदि के उपयोग हेतु जागरूकता के लिए आग्रह किया गया है।
डा0 तोमर ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा प्रदेश के राजकीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण केन्द्रों/उपकेन्द्रों (सहारनपुर, बस्ती, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर, अयोध्या, सुल्तानपुर, आजमगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद एवं आगरा) पर दीर्घ कालीन, अल्पकालीन एवं आकास्मिक प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से इच्छुक व्यक्तियों/प्राशिक्षणर्थियों के लियेे निःशुल्क वैज्ञानिक ढ़ग से मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा केन्द्र पोषित राज्य औद्यानिक मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत प्रदेश के विभिन्न जनपदों में आॅनलाइन पंजीकृत कृषकों/लाभार्थियों को 50 मौनवंशों की कालोनियों हेतु इकाई लागत का 40 प्रतिशत अनुदान की सुविधा प्रदत्त की जा रही है। भारत सरकार द्वारा घोषित आत्म निर्भर अभियान के अन्तर्गत नेशनल बी बोर्ड भारत सरकार द्वारा नेशनल बी-कीपिंग एण्ड हनी मिशन (छठभ्ड) संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अन्तर्गत मधुमक्खी पालकों, फर्मो, सोसाइटी एवं मधुमक्खी पालक समूहों आदि को मधुमक्खी पालन विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रमों के लिए राज्य सहायता का प्राविधान है।
उद्यान निदेशक ने बताया कि विश्व मधुमक्खी दिवस 2021 के शुभ-अवसर पर प्रदेश के कृषकों, बागवानों, बेरोजगार युवक/युवतियों को अवगत कराना चाहूंगा कि मधुमक्खी पालन में न तो अधिक भूमि की आवश्यकता होती है, इसको कम पूंजी में अपनाकर स्व-रोजगार के रूप में आत्म निर्भर बना जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह एक सरल सुगम कृषि व्यवसाय है इससे कम समय में अधिक आय अर्जित की जा सकती है। मधुमक्खियों से जहां एक ओर शहद, पराग, रायलॅ जैली जैसे औषधि गुणयुक्त मूल्यवान पदार्थ मिलते हंै, वही दूसरी ओर जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ कृषि फसलों में 2-3 गुना उत्पादन में बढ़ोत्तरी से किसानों की आय दुगना करने में सहायक है।
 डा0 तोमर ने बताया कि इस सम्बन्ध में अधिकतम जानकारी के लिए श्री रामबली, कीट विशेषज्ञ/नोडल अधिकारी,नेशनल बी-कीपिंग एण्ड हनी मिशन, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ0प्र0, लखनऊ से प्राप्त कर सकते हैं।

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