विश्व दुग्ध दिवस 1 जून को मनाया जाता है जाने महत्व। ….
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दुनिया भर में 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस यानी वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. स्वास्थ्य के लिए दूध कितना महत्व रखता है और ये हमारी डाइट का कितना जरूरी हिस्सा है. इस बात को समझाने और दूध को डाइट में शामिल करने के लिए जागरुक करने के उद्देश्य से इस दिन को मनाया जाता है.
इसके साथ ही दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देना भी इसका उद्देश्य है. इस दिन को मनाये जाने के लिए हर वर्ष एक विशेष थीम तय की जाती है. आइये और जानते हैं इसके बारे में.
इस दिन को मनाने की वजह दुनिया भर में दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देना है. लोगों को लगता है कि दूध केवल बच्चों की सेहत के लिए ही ज़रूरी होता है और बड़ों को इसकी ज़रूरत नहीं होती है लेकिन ऐसा नहीं है.
दूध हर व्यक्ति के स्वास्थ के लिए ज़रूरी होता है. इस बात को लोगों तक पहुंचाने के लिए विश्व भर में ये दिन मनाया जाता है. लोगों को ये समझाने की कोशिश भी की जाती है कि दूध को डाइट में शामिल करना इसलिए ज़रूरी है
क्योंकि इसको पीने से सेहत को कई सारे फायदे मिलते हैं इसके साथ ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य डेयरी या दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में स्थिरता, आजीविक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना भी है.
विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर इस वर्ष की थीम ‘पर्यावरण, पोषण और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता’ पर केंद्रित होगी. इस दिन जागरुकता फैलाने के लिए जो भी कार्यक्रम आयोजित होंगे वो इसी थीम को ध्यान में रखकर बनाए जायेंगे.
विश्व दुग्ध दिवस को मनाये जाने की शुरुआत वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गयी थी. जो की संयुक्त राष्ट्र के विभाग खाद्य औऱ कृषि संगठन द्वारा की गयी थी.
भारत सहित दुनिया भर में जहां 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. तो वही भारत में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस भी मनाया जाता है. राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पहली बार 26 नवम्बर 2014 को मनाया गया था.
ये दिन डॉ. वर्गीज कुरियन के सम्मान में मनाया जाता है जिनको भारत में श्वेत क्रांति का जनक माना जाता है. डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म 26 नवंबर को हुआ था जिसकी वजह से इस दिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है.