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अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए लिखें डायरी होंगे कई फैयदे

डायरी रखना बहुत से लोगों की आदत होती है, लेकिन अहम सवाल यह है कि हमें अपने विचारों, यादों, सपनों, चिंताओं और खुशी को कागज पर लिखने की जरूरत क्यों महसूस होती है?

क्या यह हमारे अतीत को इस तरह सहेज कर रखने के लिए जरूरी है या हमें कुछ खास चीजें, घटनाएं याद रखने के लिए एक ठोस रिकॉर्ड के तौर पर जरूरी है. दरअसल, डायरी लिखने को आप किसी की आदत के तौर पर देख सकते हैं या इसके जरिये लोग अपने खास पलों को सहेज कर रखते हैं.

कई प्रसिद्ध राष्ट्रपतियों और लेखकों को डायरी रखने की आदत थी. 19वीं सदी के नाटककार ऑस्कर वाइल्ड ने कहा मैं अपनी डायरी के बिना कभी यात्रा नहीं करता. ट्रेन में पढ़ने के लिए हमेशा कुछ सनसनीखेज होना चाहिए.

हालांकि आजकल लोग ब्लॉग या सोशल मीडिया पर अपने जीवन के अहम पलों को दर्ज करते हैं. मगर आज भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो अपने अनुभव डायरी पर लिखना पसंद करते हैं.

अकेले रह रहे लोगों के लिए डायरी लिखना किसी से अपने मन की बात कहने सरीखा है. वहीं डायरी लिखने से जहां मन को सुकून महसूस होता है, तो अपनी निजी डायरी लिखने के कुछ अन्‍य फायदे भी हैं-

अपनी भावनाओं को लिखने से आपको अपनी चिंताओं, कुंठाओं और पीड़ाओं को लिखने से इन्‍हें दूर करने में मदद मिलती है. कागज पर अपने क्रोध, निराशा या दुख को व्यक्त करने से हमारी भावनाओं की तीव्रता कम हो जाती है और हमें शांत महसूस होता है

जिससे हमें अधिक स्पष्टता हासिल करने और तर्कसंगत निर्णय लेने में मदद मिलती है. यह हमारे अंदर पनप रही नकारात्मकता को दूर करता है और इसके हानिकारक प्रभावों को कम करता है.

मनोवैज्ञानिक और शोधकर्ता जेम्स पेनबेकर का मानना ​​है कि तनावपूर्ण घटनाओं के बारे में लिखने से हमें इनसे उबरने में मदद मिलती है. इस तरह यह हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले तनाव के प्रभाव को कम करता है.

डायरी हमें अपने विचारों को व्यवस्थित करने में मदद करती है. इसमें आप अपने कुछ निजी अनुभवों या राय के बारे में लिख सकते हैं. साथ ही दैनिक घटनाओं, विचारों और भावनाओं को इसमें दर्ज कर सकते हैं.

इससे आप खुद को मानसिक तौर पर हल्‍का महसूस करते हैं. वहीं डायरी लिखने की आदत की वजह से आप खुद को अकेला महसूस नहीं करते और किसी साथी की तरह डायरी पर अपने दिल की बात लिखते साझा करते हैं.

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