अधिक बचत खाते के होने से हो सकते है ये बड़े नुकसान आपके तो नहीं जाने। ….
कई लोग बहुत से बचत खाते रखते हैं. कुछ लोग सोच समझ कर ऐसा करते हैं क्योंकि उनका मानना होता है कि पैसों को अलग-अलग खातों में रखना फायदेमंद और सहूलियत भरा है.
लेकिन बहुत से लोगों के बचत खातों की संख्या बढ़ने के कुछ अलग कारण भी होते हैं जैसे- बार-बार नौकरी बदलना, रोजगार के लिए एक शहर से दूसरे शहर जाकर बसना, कारोबारी जरूरतें आदि.
अगर आपके कई बचत खाते हैं और आप सिर्फ एक ही इस्तेमाल करते हैं तो बाकी खातों को बंद करा देना ही अच्छा फैसला है. आज हम आपको ज्यादा बचत खाते रखने के कुछ नुकसानों के बारे में बताएंगे. लेकिन पहले फायदों पर बात करते हैं.
अगर आप कई बचत खाते रखते हैं तो आप एटीएम से ज्यादा ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. कई चेकबुक और क्रेडिट कार्ड रख सकते हैं.ज्यादा बचत खाते रखने की एक बड़ी वजह यह भी है
कि किसी बैंक के दिवालिया होने पर उसमें जमा से 5 लाख रुपये तक का ही डिपॉजिट वापस मिलने की गारंटी है. यही वजह है कि लोग ज्यादा बचत खाते रखते हैं और उनमें कम अमाउंट रखते हैं.
यह नियम सभी बैंकों के बचत खातों पर लागू है कि आपको हर अकाउंट में न्यनतम मंथली एवरेज बैलेंस रखना पड़ता है. अगर आपके पास कई बचत खाते हैं और इस्तेमाल आप एक या दो का ही कर रहे हैं तो भी बाकी खातों में आपको एक निश्चित रकम रखनी ही होगी.
बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस रखे होने पर भी उससे ट्रांजेक्शन होती रहनी चाहिए. अगर खाते से एक लंबे वक्त से ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है तो अकाउंट डोरमेंट हो जाता है. डोरमेंट अकांउट को फिर से एक्टिव हो जाए तो उसकी एक पूरी प्रक्रिया को को फॉलो करना होता है.
बैंक खातों के लिए एक सालाना मेंटीनेंस फीस और सर्विस चार्ज वसूला जाता है. यह नियम सभी बैंकों में लागू है. याद रखें मेंटीनेंस फीस और सर्विस चार्च सभी खातों पर लगता है चाहे उनका इस्तेमाल हो रहा हो या नहीं. इस के साथ ही अगर आपने हर खाते के लिए डेबिट या एटीएम कार्ड तो उसकी फीस भी देनी पड़ेगी.
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त अपने सभी खातों का ब्यौरा देना होता है. सभी खातों से जुड़ी जानकारी जैसे बैंक स्टेटमेंट जुटाना भी बड़ा माथा पच्ची का काम है.
अगर गलती से किसी खाते की डिटेल छूट गई तो परेशानी और बढ़ सकती है. हो सकता है आयकर विभाग इसे टैक्स की चोरी समझ ले तो फिर आपको पेनल्टी या टैक्स नोटिस का सामना भी करना पड़ सकता है.