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राम मंदिर ट्रस्ट जमीन विवाद पर सियासत हुई तेज़ विवाद पर साधु-संत भी आये आमने सामने

राम मंदिर ट्रस्ट जमीन विवाद पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है, जहां एक ओर आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर है तो वहीं, योगी सरकार के मंत्री भी ताबड़तोड़ पलटवार करने से भी नहीं चूक रहे हैं.

इस बीच तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने आम आदमी पार्टी,समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें ट्रस्ट व बीजेपी का विरोध करने के लिए दो करोड़ का ऑफर दिया गया.

महंत परमहंस दास ने गुरुवार को एक पत्र जारी कर कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन खरीद में घोटाला नहीं बल्कि आरोप राजनीतिक षड्यंत्र का एक हिस्सा हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आज सुबह सात बजे दो व्यक्ति पहुंचे

और मुझे ट्रस्ट और बीजेपी का विरोध करने के लिए 100 करोड़ का ऑफर दिया. उन्होंने कहा कि शकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने खरीद लिया है. अब उनके अनुयायी ट्रस्ट और बीजेपी के विरोध में भी जुट गए हैं.

उन्होंने आगे कहा कि जब मैं नहीं माना तो मुझसे कहा गया कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की जीत पर प्रदेश का मुख्यमंत्री आपको ही बनाया जाएगा। जब मैंने कहा कि मैं एक संत हूं और राष्ट्रहित सर्वोपरि है तो वे चले गए. दोनों आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के द्वारा भेजे गए थे.

गौरतलब है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर हंगामा बरपा तो साधु-संत भी सामने आने लगे हैं. शारदा पीठ के शंकराचार्य जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी

और रामालय ट्रस्ट के अध्यक्ष अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ट्रस्ट को सीधे तौर पर कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि भगवान राम के नाम पर ट्रस्ट बनाया गया है

इसलिए उसका उद्देश्य श्रीराम के आदर्शों की स्थापना है. इस विवाद पर शीघ्र से शीघ्र निष्पक्ष लोगों की जांच कमेटी बनाई जाए और जिन लोगों पर आरोप लगा है जांच की सच्चाई सामने आने तक उनको हर तरह के दायित्व से मुक्त कर दिया जाए.

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि कोई बंद आंखों वाला भी देखेगा तो दो मिनट पहले कोई चीज दो करोड़ की होती है और आठ मिनट बाद आठ करोड़ की हो जाती है, यह नहीं हो सकता.

लेकिन आपने कर के दिखा दिया है और आप कहते हैं एकदम सही है. आपको जांच से भागना नहीं चाहिए. उन्होंने ट्रस्ट के सचिव चंपत राय और ट्रस्टी अनिल मिश्र पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने गवाही दी है जिन्होंने रजिस्ट्री कराई है.

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